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समितियों की आड़ में नियमों की अनदेखी ना करें

Admin4
28 July 2022 2:11 PM GMT
समितियों की आड़ में नियमों की अनदेखी ना करें
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नई दिल्ली: दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने विधानसभा अध्यक्ष को निर्देश दिया है कि वे विधानसभा की समितियों की आड़ में नियमों की अनदेखी नहीं करें. उन्होंने साफ कहा है कि नए राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (GNCTD) एक्ट संशोधन अधिनियम 2021 के अनुसार दिल्ली में उपराज्यपाल को प्रधानता प्रदान करता है. नए संशोधन अधिनियम के अनुसार, दिल्ली में सरकार का अर्थ उपराज्यपाल है.

सूत्रों की मानें तो उपराज्यपाल ने विधानसभा अध्यक्ष रामनिवास गोयल को अपने संदेश में, GNCTD (संशोधन) अधिनियम के प्रावधान का हवाला दिया, जिसके तहत विधानसभा प्रशासनिक निर्णयों के संबंध में राजधानी के दिन-प्रतिदिन के प्रशासन या जांच करने के मामलों पर विचार करने के लिए खुद को या अपनी समितियों को सक्षम करने के लिए कोई नियम नहीं बनाएगी. उपराज्यपाल सचिवालय के सूत्रों ने विधानसभा अध्यक्ष को भेजे गए संदेश का हवाला देते हुए कहा-

विधानसभा में प्रक्रिया और कार्य संचालन के नियमों में आवश्यक संशोधन या इस विषय पर किसी अन्य मौजूदा नियम को संशोधित अधिनियम के प्रावधानों के अनुरूप बनाने की तत्काल आवश्यकता है.

बुधवार देर रात उपराज्यपाल के निर्देश पर विधानसभा अध्यक्ष कार्यालय ने प्रतिक्रिया जारी करते हुए कहा कि संसद द्वारा किए गए GNCTD अधिनियम में संशोधन को दिल्ली सरकार ने इस आधार पर चुनौती दी है कि यह अनुच्छेद 239AA का उल्लंघन करता है. इस संशोधन ने विधानसभा की समिति प्रणाली को निष्क्रिय कर दिया है. संशोधन विधानसभा और उसकी समितियों को प्रशासनिक निर्णयों की जांच करने से रोकता है. फिर समितियां क्या देखेंगी?

हाल ही में याचिका समिति और विशेषाधिकार समिति ने विभिन्न मामलों में कुछ एसडीएम और एडीएम के आदेशों की जांच की है. इसके चलते चार एसडीएम, दो एडीएम, एक सब रजिस्ट्रार और कुछ अन्य को निलंबित कर दिया गया है. निजी पार्टियों को अवैध हस्तांतरण से सैकड़ों करोड़ रुपये की सरकारी भूमि को बचाया जा सकता है. वे इस तरह की पूछताछ को रोकने की कोशिश क्यों कर रहे हैं? यह एक विधायिका की समितियों का वैध, संवैधानिक कार्य है.

विधायिका इन समितियों के माध्यम से कार्यपालिका की जवाबदेही को लागू करती है. अनुच्छेद 239AA के तहत कार्यपालिका विधानसभा के प्रति जवाबदेह होती है जो इसे अपने सिस्टम के माध्यम से सुनिश्चित करती है. संसद संशोधन के माध्यम से विधायिका के इस मौलिक कार्य को नहीं छीन सकती है. लेकिन इस संशोधन के माध्यम से उसने यही किया है. उपराज्यपाल जिस संशोधन को लागू करना चाहते हैं, वह समितियों को प्रभावी ढंग से समाप्त कर देगा.

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