- Home
- /
- दिल्ली-एनसीआर
- /
- दिल्ली में एमसीडी...
दिल्ली-एनसीआर
दिल्ली में एमसीडी स्कूलों को विश्वस्तरीय बनाने के लिए यूके के टॉप संस्थानों के साथ चर्चा
Rani Sahu
18 Jun 2023 2:56 PM GMT

x
नई दिल्ली (आईएएनएस)| दिल्ली के एमसीडी स्कूलों को विश्वस्तरीय बनाने के लिए यूके के टॉप संस्थानों के साथ चर्चा चल रही है। इन दिनों दिल्ली की शिक्षा मंत्री आतिशी दिल्ली के शिक्षा सचिव व एमसीडी के शिक्षा निदेशक सहित एससीईआरटी के वरिष्ठ फैकल्टी के साथ यूके के दौरे पर है। यहां इंग्लैंड में उन्होंने कहा कि अवसरों की कमी के कारण सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले गरीब छात्र छोटे-मोटे काम करने लगते हैं। यही कारण है कि भारत भर के सरकारी स्कूलों में जाने वाले छात्रों के बीच लगभग 50 प्रतिशत ड्रॉपआउट दर है। यहां शिक्षा मंत्री आतिशी और उनके साथ गए एक्सपर्ट, यूके के टॉप संस्थानों के साथ संभावित भविष्य की साझेदारी के लिए चर्चा कर रहे हैं, ताकि वहां के मॉडल को अब दिल्ली में एमसीडी के स्कूलों को विश्वस्तरीय बनाने के लिए अपनाया जा सके।
कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी में फैकल्टी से शिक्षा मंत्री आतिशी ने कहा कि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा तक पहुंच अक्सर आर्थिक असमानताओं पर टिकी होती है। उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत में एक बच्चे का भविष्य उसकी सामाजिक-आर्थिक पृष्ठभूमि के साथ पूर्व निर्धारित माना जाता है। यदि बच्चा संपन्न परिवार से होता है तो वो टॉप प्राइवेट स्कूलों में शिक्षा लेता है। उसके पास उच्च शिक्षा और करियर में आगे बढ़ने के विकल्प होते हैं। जबकि जो बच्चे कमजोर आर्थिक सामाजिक पृष्ठभूमि से आते हैं, अक्सर उनके पास सीमित विकल्प होते हैं। नतीजतन, वंचित पृष्ठभूमि के माता-पिता अपने बच्चों को सरकारी स्कूलों में भेजने के लिए मजबूर होते हैं, जहां छात्रों को अच्छी शिक्षा नहीं मिलती और वे बीच में ही पढ़ाई छोड़ देते हैं।
आतिशी ने साझा किया, "2015 में दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार बनने के बाद जब हमने दिल्ली के सरकारी स्कूलों को देखा तो उनकी स्थिति बदहाल थी। स्कूलों में बुनियादी सुविधाएं तक मौजूद नहीं थीं और बच्चे बेहद ही दयनीय वातावरण में पढ़ने को मजबूर थे और अपने आपको दूसरे दर्जे का नागरिक मानते थे। यही कारण है कि हमने शिक्षा को अपनी प्राथमिकता में रखा। हमने स्कूलों को शानदार बनाना शुरू कर दिया और छात्रों तथा शिक्षकों को हर जरूरी सुविधाएं मुहैया करवाईं।"
मंत्री आतिशी ने कहा कि शिक्षा प्रणालियों के बदलाव के लिए न केवल सुलभ, उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा की जरूरत है, बल्कि कक्षाओं में जो पढ़ाया जाता है, उसमें भी बड़े बदलाव की जरूरत महसूस की गई और दिल्ली की शिक्षा क्रांति ने इसे संभव कर दिखाया है।
--आईएएनएस
Next Story