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न्यूज़क्रेडिट: अमरउजाला
उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया नज फाउंडेशन द्वारा इंडियन हैबिटेट सेंटर में आयोजित चर्चा लाइवलीहुड समिट- 2022 में बतौर मुख्यवक्ता के रूप में शामिल हुए।
किसी भी देश में जहां कौशल पर ध्यान दिया जाए, पर इसके पीछे कोई सपना न हो तो वह देश और वहां का युवा कभी तरक्की नहीं कर सकता है। इसलिए सभी सरकारों और शैक्षिक संस्थाओं को ये सुनिश्चित करना चाहिए कि हम अपने युवाओं को शिक्षा के साथ-साथ सपने भी दे, जिसके माध्यम से वह स्वयं का विकास करने के साथ देश की तरक्की में भी भागीदार बने। उक्त बातें उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कही। वह बृहस्पतिवार को नज फाउंडेशन द्वारा इंडियन हैबिटेट सेंटर में आयोजित चर्चा लाइवलीहुड समिट- 2022 में बतौर मुख्यवक्ता के रूप में बोल रहे थे।
कार्यक्रम के दूसरे हिस्से में दिल्ली विधानसभा की शिक्षा स्थायी समिति की अध्यक्ष व कालकाजी की विधायक आतिशी ने भी भाग लिया। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली सरकार के स्कूलों में एंटरप्रेन्योरशिप माइंडसेट करिकुलम (ईएमसी) की शुरुआत की गई, जहां न केवल उद्यमिता बल्कि एक विकसित माइंडेसट ग्रोथ माइंडसेट पर भी ध्यान दिया जाता है।
उन्होंने कहा कि कक्षा 9वीं से 12वीं के बच्चों में ईएमसी के माध्यम से हमने एक विकसित माइंडसेट विकसित करना शुरू किया है। ईएमसी के पहले पहलू के तहत जहां बच्चों को बड़े-बड़े उद्यमियों के साथ चर्चा में शामिल किया जाता है, बच्चे उनकी उद्यमिता की यात्रा को जानते समझते हैं। वहीं, इसका दूसरा हिस्सा बिजनेस ब्लास्टर्स है, जहां सरकार द्वारा कक्षा 11वीं-12वीं के बच्चों को सरकार द्वारा निवेश करने के लिए अपना बिजनेस आइडिया शुरू करने के लिए दो-दो हजार रुपये की सीड मनी दी जाती है।
समिट के एक अन्य हिस्से में विधायक आतिशी ने कहा कि हमारी शिक्षा व्यवस्था बच्चों को अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद सिर्फ एक अच्छी नौकरी ढूंढ़ने के लिए तैयार करती है। अगर हमारा तंत्र सिर्फ हमारे बच्चों को नौकरी ढूंढ़ना ही सिखाएगा, तो देश की आर्थिक व्यवस्था कैसे दुरुस्त होगी और देश कैसे प्रगति करेगा। कार्यक्रम में कई बच्चों ने डीएसईयू के लाइटहाउस की मदद से किए गए कोर्स को लेकर अपने अनुभवों को भी साझा किया।