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शुल्क माफी जैसी सुविधाओं के हकदार हैं दिव्यांग: दिल्ली हाईकोर्ट
दिल्ली कोर्ट रूम न्यूज़: दृष्टि बाधित बच्चों की समस्याओं को ध्यान में रखते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा है कि दिव्यांग बच्चों को मुफ्त वर्दी और कंप्यूटर तथा परिवहन शुल्क में छूट प्रदान की जानी चाहिए ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि वे सरकार संचालित केंद्रीय विद्यालयों में उचित शिक्षा से वंचित नहीं हों।
अदालत ने नोएडा के केंद्रीय विद्यालय में कक्षा 6 में पढ़ने वाले बच्चों को ये लाभ देने का आदेश देते हुए कहा कि ये विकलांग व्यक्तियों के अधिकार अधिनियम, 2016 के तहत आने वाले ऐसे बच्चों के लिए बुनियादी सुविधाएं हैं।
अदालत ने 75 प्रतिशत से ज्यादा दृष्टिबाधित बच्चे की याचिका पर यह निर्देश पारित किया। बच्चे ने याचिका में कहा कि दिहाड़ी मजदूर होने के कारण उसके पिता उसकी शिक्षा का खर्च वहन नहीं कर सकते। जस्टिस प्रतिभा एम सिंह ने 12 दिसंबर को पारित आदेश में कहा कि वर्दी, कंप्यूटर शुल्क और परिवहन लागत जैसी सुविधाएं कानून के अंतर्गत आती हैं। ये याचिकाकर्ता जैसे बच्चों के लिए बुनियादी सुविधाएं हैं।
जज ने कहा कि विकलांग व्यक्तियों के अधिकारों को दी गई मान्यता को ध्यान में रखते हुए इसमें कोई संदेह नहीं हो सकता है कि ये सुविधाएं विशेष रूप से केंद्रीय विद्यालयों में प्रदान की जानीं चाहिए, जो पूरे देश में मौजूद सरकारी स्कूल हैं।
अदालत ने स्कूल को दो सप्ताह के भीतर बच्चे को मुफ्त यूनिफॉर्म प्रदान करने का निर्देश दिया और कहा कि इस संबंध में किए गए किसी भी खर्च की प्रतिपूर्ति केंद्र करेगा। अदालत ने 100 रुपये के कंप्यूटर शुल्क की माफी का भी आदेश दिया और याचिकाकर्ता से कहा कि वह बाद में अपने निवास से स्कूल और वापस जाने के लिए परिवहन लागत के संबंध में निवेदन दे क्योंकि स्कूल कोई परिवहन सुविधा प्रदान नहीं करता है।
अदालत ने केंद्र से परिवहन लागत और अन्य सुविधाओं के संबंध में किए जाने वाले उपायों का ब्योरा देते हुए एक स्थिति रिपोर्ट दायर करने को कहा। मामले की अगली सुनवाई 22 मार्च को होगी।