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नौकरी हासिल करने के नाम पर हुए फर्जीवाड़े में शिक्षा निदेशालय ने 72 फर्जी शिक्षकों को थमाया बर्खास्तगी का नोटिस, मांगा एक महीने में जवाब

Renuka Sahu
6 Aug 2022 2:27 AM GMT
Directorate of Education gave notice of dismissal to 72 fake teachers in the name of getting jobs, sought reply in a month
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फाइल फोटो 

नौकरी हासिल करने के नाम पर हुए फर्जीवाड़े में शिक्षा निदेशालय ने 72 शिक्षकों को बर्खास्तगी का नोटिस थमा दिया है।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। नौकरी हासिल करने के नाम पर हुए फर्जीवाड़े में शिक्षा निदेशालय (दिल्ली) ने 72 शिक्षकों को बर्खास्तगी का नोटिस थमा दिया है। दरअसल, दिल्ली अधीनस्थ सेवा चयन बोर्ड (डीएसएसएसबी) से मिलने वाले बायोमेट्रिक और फोटो रिकॉर्ड से मिलान न होने पर पाया गया कि चयन प्रक्रिया के दौरान परीक्षा किसी ने दी और अब नौकरी कोई दूसरा कर रहा है।

शुक्रवार को निदेशक हिमांशु गुप्ता की तरफ से शिक्षकों को नाम बर्खास्त करने का नोटिस जारी हुआ है। केंद्रीय सिविल सेवाएं नियम -1965 के तहत जारी करते हुए पूछा गया है कि रिकॉर्ड के आधार पर क्यों न आपको बर्खास्त कर दिया जाए। क्योंकि आपका मौजूदा और चयन प्रक्रिया के दौरान लिए गए बायोमेट्रिक रिकॉर्ड का मिलान नहीं हो रहा है।
एक महीने में देना होगा जवाब
निदेशालय की ओर से ऐसे शिक्षकों को नोटिस जारी कर एक महीने में जवाब मांगा गया है। नोटिस जारी होने की तिथि से एक महीने के अंदर अगर संबंधित शिक्षक यह साक्ष्य नहीं दे पाते हैं कि परीक्षा में शामिल होने वाले अभ्यर्थी वही थे, तो उन्हें बर्खास्त किया जाएगा। जिन शिक्षकों को नोटिस दिया गया है, उनमें टीजीटी और पीजीटी शिक्षक शामिल हैं। निदेशालय ने पत्र लिखकर शिक्षकों का परीक्षा के दौरान का बायोमेट्रिक रिकॉर्ड मांगा था, जिसका अब शिक्षकों के मौजूदा आधार व अन्य रिकॉर्ड से मिलान नहीं हुआ। मिलान न होने की स्थिति में विभाग ने नोटिस जारी किया जाता है। अगर अभ्यर्थी साक्ष्य नहीं दे पाता है तो उसे तनख्वाह के तौर पर दी गई धनराशि की वसूली से लेकर कानूनी कार्रवाई भी होगी।
नियुक्ति से पहले पकड़े गए थे 200 से ज्यादा
वर्ष 2019 में नियुक्ति से पहले शिक्षा निदेशालय ने 200 से अधिक फर्जी शिक्षक पकड़े थे। इनमें अधिकांश ऐसे मामले थे, जिन्होंने डीएसएसएसबी की परीक्षा पास कर ली थी और इस परीक्षा में काई और और बैठा था। जबकि नियुक्ति के लिए दावेदार कोई और था। दस्तावेज के सत्यापन के दौरान यह फर्जीवाड़ा सामने आया था। नवनियुक्त शिक्षकों के सत्यापन के लिए शिक्षा निदेशालय और डीएसएसएसबी के बीच 8 जनवरी 2021 को बैठक हुई।
जांच के लिए 20 से अधिक नोडल अधिकारी तैनात किए स्कूलवार नवनियुक्त शिक्षकों की सूची तैयार कर ली गई है। जिन शिक्षकों को बर्खास्त करने के लिए नोटिस दिया है, उनमें से अधिकांश की नियुक्ति डीएसएसएसबी द्वारा संचालित वर्ष 2019 और 2020 की चयन प्रक्रिया के तहत हुई।
निदेशालय द्वारा शिक्षकों की जांच के लिए बनाई गई कमेटी ने बोर्ड से रिकॉर्ड मांगा। बोर्ड द्वारा छह अप्रैल को रिकॉर्ड की सीडी उपलब्ध कराई गई, जिसमें दर्ज बायोमेट्रिक रिकॉर्ड और फोटो का मिलान किया गया। उसके बाद कमेटी ने पाया कि नौकरी कर रहे 72 शिक्षक वो नहीं है जो डीएसएसएसबी के रिकॉर्ड के हिसाब से चयन प्रक्रिया में शामिल हुए।
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