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डिवाइस पार्क-इलेक्ट्रॉनिक हब से मिलेगी नई पहचान
नोएडा न्यूज़: 22 साल के सफर में यमुना प्राधिकरण ने तमाम नये आयाम स्थापित किए हैं. 2017 से पहले घाटे में चल रहा प्राधिकरण लाभ में तो आया ही, तमाम बड़े उद्योग यहां आ गए. उद्योगों के लिए क्लस्टर संस्कृति की शुरुआत की. मेडिकल डिवाइस पार्क, अपैरल पार्क, इलेक्ट्रॉनिक हब, ट्वाय पार्क, हैंडीक्राफ्ट पार्क से इसको नई पहचान मिलेगी. हालांकि प्राधिकरण के सामने सबसे बड़ी चुनौती 2009 के आवंटियों को कब्जा देना है.
प्रदेश सरकार ने यमुना प्राधिकरण की स्थापना की. ग्रेटर नोएडा से आगरा तक यमुना एक्सप्रेसवे का निर्माण और उसके दोनों ओर यमुना सिटी विकसित करने की परिकल्पना की गई.
इस प्राधिकरण की जद में छह जिले गौतमबुद्ध नगर, बुलंदशहर, अलीगढ़, हाथरस, मथुरा और आगरा आ गए. पहले चरण में गौतम बुद्ध नगर और बुलंदशहर के गांवों की जमीन लेकर यमुना सिटी विकसित की जा रही है. 2017 से पहले यमुना प्राधिकरण घाटे में चल रहा था. चर्चा तो यहां तक होती थी कि इस प्राधिकरण का ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में विलय करना होगा. तमाम उतार-चढ़ाव के बीच 2021-22 में प्राधिकरण 404 करोड़ रुपये के फायदे में आ गया. यह एक बड़ी उपलब्धि रही है.
क्लस्टर संस्कृति विकसित की यमुना प्राधिकरण ने अपने क्षेत्र में कलस्टर संस्कृति विकसित की. प्रदेश में पहली बार किसी प्राधिकरण में उद्योगों के क्लस्टर विकसित किए गए. यहां पर अपैरल पार्क, हैंडीक्राफ्ट पार्क, एमएसएमई पार्क, ट्वाय पार्क, डाटा पार्क, मेडिकल डिवाइस पार्क आदि की परिकल्पना की गई और इस दिशा में तेजी से काम चल रहा है. अपैरल, एमएसएमई, उत्तर भारत के पहले मेडिकल डिवाइस पार्क में आवंटियों को जल्द कब्जा देने की तैयारी है.
यमुना प्राधिकरण क्षेत्र को पर्यटन से जोड़ने की तैयारी यमुना प्राधिकरण अपने क्षेत्र को पर्यटन से भी जोड़ने की तैयारी में है. इसके लिए राया में हेरिटेज विकसित करने की योजना है. इसकी डीपीआर बन गई है. सेक्टर-21 में 1000 एकड़ में फिल्म सिटी विकसित करने की तैयारी है. इसके लिए तीसरी बार जल्द टेंडर निकाले जाएंगे.
कनेक्टिविटी पर हो रहा बड़ा काम यमुना प्राधिकरण कनेक्टिविटी पर बड़ा काम कर रहा है. जेवर से नई दिल्ली तक एयरपोर्ट मेट्रो, एयरपोर्ट और प्रस्तावित फिल्म सिटी के बीच पॉड टैक्सी चलाना, दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे को जेवर एयरपोर्ट से जोड़ना, यमुना एक्सप्रेसवे और ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे को जोड़ने के लिए इंटरचेंज बनाना और जेवर एयरपोर्ट के चारों ओर 100 मीटर चौड़ी पेरिफेरल रोड बनाने की दिशा में काम चल रहा है. जेवर इलाके को रेलमार्ग से भी जोड़ा जाएगा.
इसके लिए दिल्ली-हावड़ा रेलमार्ग के चोला स्टेशन से जेवर तक रेलवे लाइन बिछाई जाएगी.
यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में जेवर एयरपोर्ट विकसित हो रहा है. पहला चरण 1334 हेक्टेयर में विकसित किया जा रहा है. दूसरा चरण 1365 हेक्टेयर, तीसरा चरण 1318 हेक्टेयर और चौथा चरण 735 हेक्टेयर में विकसित होगा. यह परियोजना यमुना प्राधिकरण में विकास में बड़ा योगदान है.
इसके चलते प्राधिकरण आज लाभ की संस्था बन गया है. इसके अलावा यहां एविएशन हब भी विकसित किया जाएगा. यानी यहां पर विमान इंजनों के पाट‘र्स भी बनने लगेंगे. इसके लिए भी साथ-साथ योजना चल रही है. विमान की मशीनरी बनाने वाली बड़ी कंपनियों को यहां पर लाने की योजना है. दूसरे चरण में एमआरओ हब विकसित होगा. इसकी जमीन अधिग्रहण प्रक्रिया चल रही है.
वहीं, यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में सेमीकंडक्टर बनाने की औद्योगिक इकाई हीरानंदानी ग्रुप लगाएगा. इस पर करीब 17 हजार करोड़ का निवेश होगा. सेमीकंडक्टर की यह देश की दूसरी इकाई होगी. इससे सेमीकंडक्टर की किल्लत खत्म हो सकेगी.
टप्पल में पहले चरण में 250 हेक्टेयर में लॉजिस्टिक पार्क विकसित करने की दिशा में कदम बढ़ गए हैं. प्राधिकरण ने अपने चार सेक्टर सिविल एविएशन हब के लिए आरक्षित कर दिए गए.