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देव श्रीमाली ग्लोबल अवार्ड फ़ॉर एक्सीलेंस से सम्मानित

Admin Delhi 1
19 Feb 2023 6:28 AM GMT
देव श्रीमाली ग्लोबल अवार्ड फ़ॉर एक्सीलेंस से सम्मानित
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नॉएडा-ग्वालियर: मध्य प्रदेश के वरिष्ठ पत्रकार, लेखक और राजनीतिक विश्लेषक तथा "इंडिया शाम तक "के संपादक देव श्रीमाली को नोएडा के मारवाह फ़िल्म और पत्रकारिता इंस्टिट्यूट में आयोजित एक भव्य और गरिमापूर्ण आयोजन में "ग्लोबल अवार्ड फ़ॉर एक्सीलेंस इन जर्नलिज्म" से नवाजा गया। यह सम्मान पाने वाले वे मध्य प्रदेश के पहले पत्रकार हैं। उन्हें सम्मान समारोह के मुख्य अतिथि अफ्रीकी देश लिसेथो के हाई कमिश्नर थाबंग लिनस खोलुमो और साइप्रस के डिप्टी हाईकमिश्नर यानिस मेकराइड ने प्रदान किया। अध्यक्षता मारवाह फ़िल्म और पत्रकारिता इंस्टिट्यूट के चेयरमैन संदीप मारवाह ने की।

इस भव्य और गरिमापूर्ण आयोजन में देश के सुप्रसिद्ध पत्रकार पद्मश्री मेहता, जनसत्ता और इंडियन एक्सप्रेस के पूर्व संपादक राहुल देव, सुप्रसिद्ध कॉमेंटेटर कुलविंदर सिंह, प्रसिद्ध टीवी एंकर अनुराग मुस्कान और मारवाह फ़िल्म इंस्टिट्यूट के आयोजन समिति के प्रमुख सुशील भारती, जाने माने कार्टूनिस्ट इरफान, पंचायत और ग्रामीण विकास मंत्रालय के मीडिया प्रमुख आलोक पण्ड्या, वरिष्ठ पत्रकार और हिंदी प्रेमी दिनेश गौड सहित पत्रकारिता, साहित्य, टीवी और सिनेमा की अनेक हस्तियां मौजूद थीं।

सम्मान किया स्व आलोक तोमर को समर्पित

इस मौके पर अपने उद्बोधन में अपने उदबोधन में देव श्रीमाली ने कहाकि यह सम्मान मेरे लिए खास मायने इसलिए रखता है क्योंकि यह मध्य प्रदेश की पत्रकारिता का सम्मान है और इस बात का प्रमाण भी कि ग्लोबलाइजेशन के दौर में कोई भी पत्रकार गाँव कस्बे में भी अपना बेहतर काम करके देश और दुनिया का ध्यान आकृष्ट कर सकता है। पहले यह केवल राजधानी और मेट्रो सिटी में रहकर ही किया जा सकता था। श्रीमाली ने कहाकि वे यह सम्मान देश के जाने माने पत्रकार स्व. आलोक तोमर को समर्पित करते हैं। वे ही थे जिन्होंने तीन दशक पहले मुझे पहली बार दिल्ली बुलाया था और आज उसी दिल्ली में मेरा सम्मान होना उनके मुझ पर किये गए भरोसे और उम्मीद का प्रतिफल है इसे मै उन्हें ही सौंपना चाहता हूँ।

भिण्ड से की पत्रकारिता की शुरुआत

चम्बल अंचल के भिण्ड में 12 सितंबर 1962 में पैदा हुए देव श्रीमाली ने अपनी शिक्षा भी वही हासिल की। भिण्ड के एमजेएस कॉलेज से एम कॉम, एलएलबी, ग्वालियर से एमए हिंदी, बीजेएमसी और फिर मास्टर ऑफ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन (एमजेएमसी) की डिग्री हासिल की। खास बात उन्होंने एमजेएमसी की परीक्षा अपने विद्यार्थियों के साथ ही दी। यानी वे उन्हें पढ़ाने भी गए और फिर खुद भी उनके साथ स्टूडेंट बनकर परीक्षा दी।

18 वर्ष की उम्र में ही पत्रकारिता की

देव श्रीमाली बैंक, शिक्षा, राजस्व, डाक तार विभाग और राज्य प्रशासनिक सेवा में नौकरी के लिए चयनित हुए, लेकिन उन्होंने अपना फोकस सिर्फ पत्रकारिता पर ही रखा। उन्होंने महज 18 वर्ष की उम्र से एक साप्ताहिक वनखंडेश्वर से खबरों की दुनिया से मुलाकात की तो फिर इसी के होकर रह गए। इस दौरान उन्होंने भिण्ड के दैनिक उदगार और दैनिक ऋतुराज बसंत और दैनिक आचरण में काम किया। ग्वालियर में पत्रकारिता की शुरुआत दैनिक आचरण से की और उसमे विभिन्न दायित्व संभाले। 1992 से 1999 ग्वालियर में दैनिक भास्कर में विभिन्न पदों पर रहे। यहां परत दर परत चर्चित साप्ताहिक कॉलम भी लिखते थे। दो वर्ष भोपाल में रहकर भी हिंदी मेल में भी काम किया।

उन्होंने लंबे समय तक राष्ट्रीय दैनिक जनसत्ता से जुड़कर ग्वालियर चम्बल संभाग की रिपोर्टिंग की। इसके अलावा उन्होंने आउटलुक, माया, धर्मयुग, नव भारत टाइम्स, आनंद बाजार पत्रिका, जागरण, अमर उजाला, नई दुनिया, मध्य प्रदेश संदेश, स्वदेश, राज एक्सप्रेस सहित देश की ज्यादातर हिंदी पत्र- पत्रिकाओं के लिए समय समय पर स्वतंत्र लेखन किया और अभी भी कर रहे हैं।

इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में भी जमाई धाक

जब 90 के दशक में टीवी जर्नलिज्म ने भारत मे पांव पसारे तो उन्होंने इस मीडिया 1999 में जब इलेक्ट्रॉनिक मीडिया का रीजनल वर्जन आया तो ईटीवी एमपी से जुड़े और ग्वालियर चम्बल संभाग में पहले स्ट्रिंगर बनकर रिपोर्टिंग की। स्व. राजकुमार केसवानी ने सन 2000 में राष्ट्रीय न्यूज चैंनल स्टार न्यूज़ के साथ जोड़ा और संभाग के ब्यूरो चीफ के रूप में काम किया। स्टार ग्रुप बाद में एनडीटीवी के पास ही आ गया तो बीस साल से निरंतर काम किया। इस बीच स्टार न्यूज जब एबीपी न्यूज के नाम से चैनल लांच हुआ तो फिर उससे भी जुड़ गए। वे वर्तमान में एबीपी न्यूज़ से सम्बद्ध है। 2010 में स्वयं का सांध्य दैनिक इंडिया शाम तक का प्रकाशन शुरू किया जो निरंतर प्रकाशित हो रहा है।

डिजिटल मीडिया में भी सक्रिय

श्रीमाली बीते एक वर्ष पहले प्रदेश के सबसे बड़े और प्रतिष्ठित डिजिटल प्लेटफॉम "द सूत्र" से जुड़कर ग्वालियर – चम्बल अंचल से रिपोर्टिंग कर रहे हैं। इनके अलावाडिजिटल मीडिया आने के बाद बीबीसी से लेकर देश के सभी बड़े प्लेटफार्म के लिए निरंतर लेखन और विषय विशेषज्ञ के रूप में जुड़े हुए हैं।

अब तक मिल चुके है सम्मान

देव श्रीमाली को अब तक देश और प्रदेश के अनेक सम्मान मिल चुके है जिनमे प्रतिष्ठित राष्ट्रीय उदभव एक्सीलेंस पत्रकारिता सम्मान 2021,प्रसिध्द शब्द ऋषि सम्मान (स्टेट प्रेस क्लब इंदौर), राष्ट्रीय संजीवनी मीडिया अवार्ड ,भगवान सहाय शर्मा कलमवीर सम्मान सप्रे संग्रहालय भोपाल का राजेन्द्र नूतन श्रेष्ठ रिपोर्टर सम्मान, चम्बल रत्न सम्मान,राष्ट्रकवि मैथली शरण गुप्त पत्रकारिता सम्मान , किस्सा कोताह साहित्यिक पत्रकारिता सम्मान सहित देश प्रदेश में अनेक सम्मान प्राप्त हो चुके है।

अनेक पुस्तकें लिख चुके है

पत्रकार देव श्रीमाली ने अब तक अनेक पुस्तकें भी लिखी है जिनमे अपराध आए जुड़ी घटनाओं को लेकर आलोक तोमर के सम्पादन में – परत दर परत ,महासमर के योद्धा ( स्वतंत्रता आंदोलन में ग्वालियर की भूमिका पर पुस्तक), एमपी की कला संस्कृति पर आधारित पुस्तक – विविधा का सम्पादन किया, चम्बल अंचल की पुरा संपदा पर आधारित पुस्तक – गौरवशाली अतीत के साक्षी, कोरोना काल मे दिवंगत पत्रकारों के परिवारों पर आधारित विश्वभर में चर्चित किताब – बिछड़े कई बारी-बारी, लिखी। यह कोरोना पर दुनिया का पहला डॉक्यूमेंटेशन था। इस किताब का विमोचन मध्यप्रदेश की विधानसभा में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान,पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ, विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम , गृहमंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा और नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह के द्वारा किया गया। जल्द ही नेशनल बुक ट्रस्ट उनके द्वारा चम्बल अंचल पर लिखी गयी एक शोधपूर्ण पुस्तक शीघ्र ही प्रकाशित होने वाली है जिसका नाम है – चम्बल संस्कृति और विरासत।

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