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दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ का शिक्षकों की मांगों को लेकर यूजीसी पर प्रदर्शन

Admin Delhi 1
7 July 2022 5:17 AM GMT
दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ का शिक्षकों की मांगों को लेकर यूजीसी पर प्रदर्शन
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दिल्ली न्यूज़: दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (डूटा) ने शिक्षकों की लंबित मांगों को लेकर विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) पर प्रदर्शन किया। डूटा अध्यक्ष प्रो.एके भागी ने कहा कि आज डीयू के विभिन्न विभागों और कॉलेजों में करीब साढ़े चार हजार शिक्षक तदर्थ के रूप में कार्यरत हैं। शिक्षक संघ की मांग है कि केंद्र सरकार एकबारगी समायोजन बिल लाकर लंबे समय से चली आ रही इस समस्या का स्थाई समाधान करे। समायोजन की इस प्रक्रिया में 200 प्वाइंट रोस्टर का अनुपालन भी सुनिश्चित किया जाए।

आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के 25 प्रतिशत शिक्षक पदों को तुरंत जारी करे यूजीसी: प्रो भागी ने बताया कि आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के आरक्षण के लागू होने से छात्र संख्या में पच्चीस प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है,लेकिन औपचारिक रूप से जरूरी शैक्षणिक व्यवस्था के लिए आवश्यक शिक्षक पद नहीं दिए गए हैं। इस संबंध में डूटा की मांग है कि आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के 25 प्रतिशत शिक्षक पदों को भी यूजीसी तुरंत जारी करे। प्रो भागी ने यूजीसी से मांग की है कि एमोमली कमेटी की सिफारिशों को यूजीसी तुरंत जारी करे। मालूम हो, डीयू में शिक्षकों की सेवा शर्तों संबंधी अनेक विसंगतियां छठे और सातवें वेतनमान में रह गई है। इन समस्याओं के समाधान को लेकर शिक्षक लंबे समय से मांग कर रहे हैं। इसे मद्देनजर रख कर यूजीसी ने एक कमेटी का गठन किया था।

पीएचडी की अनिवार्यता और शोध पत्रों मेंं राहत की अपील: डूटा उपाध्यक्ष प्रदीप कुमार के अनुसार डूटा इस कमेटी की सिफारिशों को जारी करने की मांग कर रहा है। डूटा कोशाध्यक्ष डॉ.चमन सिंह ने सरकार से मांग करते हुए प्रोफेसर पद पर प्रमोशन के लिए कॉलेज में कार्यरत एसोसिएट प्रोफेसर को पीएचडी की अनिवार्यता से छूट और शोध पत्रों में राहत देने की भी अपील की है। प्रदर्शन में सैंकड़ों की संख्या में शिक्षकों ने हिस्सेदारी की। वरिष्ठ एक्टिविस्ट और तदर्थ शिक्षकों का मानना है कि तदर्थ शिक्षकों की वर्तमान समस्या को पूर्व कुलपति के समय पाला पोसा गया।

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