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राजधानी के अन्य इलाको में भी पड़ने लगी हैं अतिक्रमण हटाने की मांग, जानिए पूरी खबर
दिल्ली न्यूज़: उत्तरी दिल्ली नगर निगम द्वारा जहांगीरपुरी में अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई करने के बाद दिल्ली के अन्य इलाके से भी अतिक्रमण हटाने की मांग जोर पकडऩे लगी है। आरडब्ल्यूए, मार्केट एसोसिएशन तथा अन्य नागरिक संगठन अक्रिमण हटाने के लिए अभियान चलाने की मांग करने लगे हैं। कई संगठनों का कहना है कि अतिक्रमण के कारण सड़क किनारे बने फुटपाथ खत्म हो चुके हैं। लोग मजबूरन सड़क पर चलते हैं और दुर्घटना का शिकार होते हैं। दिल्ली के ज्यादातार सड़कों के फुटपाथ अतिक्रमण के चपेट में है। नगर निगम को अतिक्रमण के खिलाफ हमेशा शिकायत मिलती रहती है, लेकिन जहांगीरपुरी में अतिक्रमण हटाने के अभियान के बाद से हर जगह से तीनों निगम को अतिक्रमण के खिलाफ शिकायत मिल रही है।
बता दें कि राजधानी में सड़कों पर अतिक्रमण एक बड़ी समस्या बन चुकी है। संबंधित एजेंसी नगर निगम व पुलिस शिकायत यह भारी दबाव पर कार्रवाई अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई तो करती है, लेकिन कुछ ही दिन में फिर से वहां अतिक्रमण हो जाता है। निगम सूत्रों के अनुसार अभी तक निगम 8 हजार किलोमीटर से ज्यादा क्षेत्र से अतिक्रमण हटा चुका है, लेकिन ज्यादातर पर फिर से अतिक्रमण हो चुका है। वर्तमान में कई ऐसे इलाके हैं जहां अतिक्रमण ही अतिक्रमण है। झंडेवालन इलाके से सटे मुख्य मार्ग करोलबाग बस स्टैड तथा आसपास के स्थल पर लबें समय से कूड़ा उठाने वालों का अवैध कब्जा व अतिक्रमण है। स्थानीय लोग बताते हैं कि ये कूड़े उठाने वाले रोहिंग्या हैं और काफी समय से यहां पर है। लोग बस का इंतजार सड़क पर खड़े हो करते हैं। इसके अलावा सुल्तानपुरी व मंगोलपुरी में घरों के आगे बने सर्विस रोड पर वहीं के लोगों ने कमरे बनाकर रोड को संकरी गली में तब्दील कर दिया है। कमोबेश यही हाल नांगलोई, पश्चिमपुरी व सराय रोहिल्ला आदि इलाके का है। इस मामले में निगम मामलों के विशेषज्ञ जगदीश मामगाईं का कहना है कि जहां भी अतिक्रमण होता है वहां निगम कर्मियों व पुलिस की लापरवाही व मिलीभगत रहती है। अगर इन दोनों विभाग के अधिकारी व कर्मचारी अतिक्रमण के प्रति सख्त कदम उठाए तो कहीं पर भी अतिक्रमण नहीं होगा।