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दिल्ली का लालकिला छावनी में हुआ तब्दील, लगाई गई इन वस्तुओं पर पाबंदिया
दिल्ली न्यूज़: स्वतंत्रता दिवस समारोह के मद्देनजर लाल किले के प्रवेश द्वार पर बहुस्तरीय सुरक्षा घेरा के अलावा चेहरे की पहचान प्रणाली (एफआरएस) वाले कैमरे लगाए गए हैं। अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी। पुलिस के मुताबिक, लाल किले में स्वतंत्रता दिवस समारोह में करीब 7,000 मेहमान शामिल होंगे। सोमवार को स्मारक के आसपास 10,000 से अधिक पुलिस कर्मियों को तैनात किया जाएगा। दिल्ली पुलिस (Delhi Police) ने ड्रोन और यूएवी से किसी भी संभावित खतरे का मुकाबला करने के लिए लाल किला क्षेत्र में छतों और अन्य संवेदनशील स्थानों पर 400 से अधिक पतंग या "उड़ने वाली वस्तुएं" को रोकने के लिए लोगों को तैनात किया है। तिरंगा फहराए (Hoisting the Tricolor) जाने तक लाल किले के चारों ओर पांच किलोमीटर के क्षेत्र को 'नो काइट फ्लाइंग जोन' के रूप में चिह्नित किया गया है।
पुलिस ने कहा कि रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) और अन्य सुरक्षा एजेंसियां 'ड्रोन रोधी प्रणाली' भी लगा रही हैं। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि लाल किला परिसर में भोजन, पानी की बोतलें, रिमोर्ट से नियंत्रित कार की चाबियां, स्मोक लाइटर, बक्से, हैंडबैग, कैमरे, दूरबीन, छतरियां और इसी तरह की वस्तुओं की अनुमति नहीं होगी। विशेष पुलिस आयुक्त (कानून व्यवस्था) दीपेंद्र पाठक के मुताबिक, दिल्ली में धारा-144 के प्रावधान पहले ही लागू हो चुके हैं। 13 अगस्त से 15 अगस्त तक लाल किले पर पतंग, गुब्बारे या चीनी लालटेन उड़ाते हुए पकड़े जाने पर व्यक्ति को दंडित किया जाएगा। इसके अलावा, हवाई वस्तुओं की निगरानी के लिए उत्तर, मध्य और नई दिल्ली जिला इकाइयों में लगभग एक हजार उच्च-विशिष्टता वाले कैमरे लगाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि ये कैमरे स्मारक तक जाने वाले 'वीवीआईपी' मार्ग ('VVIP' Road) की निगरानी में भी मदद करेंगे।