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दिल्ली: बोर्ड बैठक में यमुना प्राधिकरण का 4528 करोड का बजट पास, जानिए पूरी खबर
दिल्ली न्यूज़: यमुना प्राधिकरण की मंगलवार को हुई बोर्ड बैठक में 4528 करोड़ रुपये का बजट वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए पास हुआ है। इसमें से 1106 करोड़ रुपये विकास कार्यों, 1535 करोड़ रुपये भूमि अधिग्रहण, नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के लिए 405 करोड़, मल्टी माडल कनेक्टिविटी के लिए 300 करोड़ खर्च किए जाएंगे। किसानों को भूमि अधिग्रहण के लिए दो विकल्प दिए गए हैं। इसमें एक विकल्प प्रति वर्ग मीटर धनराशि व सात प्रतिशत भूखंड व दूसरी विकल्प अधिक धनराशि प्रति वर्ग मीटर रखी गई है, लेकिन इसमें भूखंड नहीं है। चेयरमैन अरविंद कुमार की अध्यक्षता में हुई बैठक में यमुना प्राधिकरण सीईओ डा. अरुणवीर सिंह, एसीईओ मोनिका रानी, एसीईओ रविद्र सिंह आदि मौजूद रहे। डा. अरुणवीर सिंह ने बताया कि पिछले वर्ष के मुकाबले इस वर्ष का बजट 1122 करोड़ रुपये अधिक है। पिछली बार का बजट 3406 करोड़ रुपये का था। यमुना क्षेत्र में भूमि अधिग्रहण के लिए किसानों से आपसी सहमति पर भूमि प्रतिकर की दर कास्ट इंफ्लेशन इंडेक्स की बढ़ी दरों पर तय की गई है। किसानों को दो विकल्प दिए गए हैं। पहला 2178.20 प्रति वर्गमीटर व सात प्रतिशत आबादी भूखंड और दूसरा विकल्प 2422.36 रुपये प्रतिवर्ग मीटर का दिया है।
लीज डीड व भवन निर्माण कराने के लिए छह माह का अतिरिक्त समय: आवंटियों को अपने भूखंडों की लीज डीड करवाने और भवन निर्माण करने के लिए 6 महीने का अतिरिक्त समय दिया गया है। बड़ी बात यह है कि इस अतिरिक्त समय की एवज में प्राधिकरण कोई फीस या पेनल्टी वसूल नहीं करेगा। मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान अथॉरिटी के मुख्य कार्यपालक अधिकारी डॉ.अरुणवीर सिंह ने यह जानकारी दी है। अरुणवीर सिंह ने बताया कि यमुना प्राधिकरण के 42,000 आवंटी हैं। इनमें आवासीय प्लॉट, फ्लैट, संस्थागत औद्योगिक और कमर्शियल संपत्तियों के आवंटी हैं। भूखंडों की रजिस्ट्री करवाने के लिए जिन्हें प्राधिकरण ने चेक लिस्ट जारी कर दी है और उन्होंने निर्धारित वक्त बीतने के बावजूद कोरोना काल के चलते अब तक रजिस्ट्री नहीं करवाई है, ऐसे आवंटी 30 सितंबर 2022 तक रजिस्ट्री करवा सकते हैं। जिसके लिए प्राधिकरण कोई अतिरिक्त शुल्क वसूल नहीं करेगा। जिन आवंटियों ने अब तक अपने भूखंडों पर भवन निर्माण नहीं किया है और कंपलीशन लेने का वक्त बीत चुका है, ऐसे आवंटियों को भी 6 महीने का समय विस्तार दे दिया गया है। यह लोग भी 30 सितंबर 2022 तक भवन निर्माण करके कंपलीशन सर्टिफिकेट ले सकते हैं।
ग्रामीण विकास पर 157 करोड़ खर्च होंगे: यमुना प्राधिकरण इस बार गांवों के विकास पर खास जोर देगा। स्मार्ट विलेज के लिए 76.98 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं। सभी गांव के विकास के लिए 157 करोड रुपए बोर्ड में मंजूर किए हैं। प्राधिकरण अपने क्षेत्र के गांवों में सडक़, सीवर, बिजली, पेयजल, नाली और दूसरी नागरिक सुविधाओं पर यह बजट खर्च करेगा।
5 गुना हुआ विकास व निर्माण कार्य का बजट: इस साल के बजट में विकास और निर्माण कार्यों के लिए 1,101 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं। पिछली बार यह धनराशि केवल 275 करोड रुपए थी। यमुना अथॉरिटी के सीईओ डॉ.अरुणवीर सिंह ने बताया कि 322 करोड रुपए के राजस्व भुगतान किए जाएंगे। इनके अलावा इस वित्त वर्ष के दौरान प्राधिकरण को 4,515 करोड रुपए के कुल भुगतान करने हैं।
एयरपोर्ट, मेट्रो और पॉडटैक्सी को 705 करोड रुपए मिले: यमुना एक्सप्रेसवे के किनारे जेवर में नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट का निर्माण चल रहा है। इसके दूसरे चरण पर भी काम शुरू हो चुका है। यमुना सिटी एयरपोर्ट में 12.5त्न की हिस्सेदार है। प्राधिकरण ने अपने हिस्से के 405 करोड रुपए आवंटित कर दिए हैं। इससे पहले नोएडा और ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण भी अपने-अपने हिस्से का पैसा जारी कर चुके हैं। प्राधिकरण का जोर शहर और पूरे दिल्ली-एनसीआर को अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे से जोडऩे पर है। इसके लिए मेट्रो, पॉडटैक्सी और एक्सप्रेसवे बनाए जा रहे हैं। इस मद में 31 मार्च 2022 तक प्राधिकरण 300 करोड रुपए खर्च करेगा। कुल मिलाकर जेवर एयरपोर्ट और मल्टीमॉडल कनेक्टिविटी पर यमुना अथॉरिटी 705 करोड रुपए खर्च करने जा रही है।
ई ऑक्शन के जरिए मिलेंंगे औद्योगिक आईटी व संस्थागत भूखंड: ग्रेनो व नोएडा प्राधिकरण की तर्ज पर अब यमुना प्राधिकरण भी ई आक्शन के जरिये ही औद्योगिक, आइटी व संस्थागत भूखंडों का आवंटन करेगा। इससे पहले ड्रा के माध्यम से आवंटन होता था। प्राधिकरण द्वारा लाई गई औद्योगिक योजना व संस्थागत की ओपन एंडेड योजना को समाप्त कर आवेदनों को निरस्त किया जा रहा है।