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दिल्ली: उत्तर भारत में क्यों अचानक नींबू का रस इतना खट्टा हुआ, क्यों इतने महंगे हुए निम्बू
दिल्ली: दिल्ली ही नहीं बल्कि पूरे उत्तर भारत में गर्मी ने अप्रैल के शुरूआत में ही अपना तांडव दिखाना प्रारंभ कर दिया है। ऐसे में लू के थपेड़ों से बचाने वाले नींबू का रस भी इतना खट्टा हो गया है कि उसका दाम सुनकर आम आदमी के पसीने छूट रहे हैं। दरअसल दिल्ली में एक महीने पहले तक थोक में 10 से 25 रूपए किलो तक बिक रहे नींबू के दाम अचानक बढ़ गए हैं। हालात यह है कि खुदरा दाम 200 से 250 रूपए तक पहुंच गया है, थोक दामों में भी तेजी आ गई है। जिसकी वजह से एशिया की सबसे बड़ी फल-सब्जी मंडी में नींबू के थोक दाम 130 रूपए प्रतिकिलो पहुंच चुके हैं।
प्राकृतिक आपदा से नींबू की फसल पर पड़ा असर: नींबू के दाम बढऩे के पीछे की वजह सिर्फ गर्मी ही नहीं है। बल्कि इसकी मुख्य वजह 6 महीने पहले गुजरात में आया तुफान है, जिसकी वजह से नींबू के फूल झड़ गए और भारी संख्या में नींबू के पेड़ टूटने से काफी नुकसान पहुंचा है। गुजरात और आंध्र प्रदेश सर्वाधिक नींबू का उत्पादन करने वाले राज्य है, ऐसे में गुजरात के तूफान व आंध्र प्रदेश में बेमौसम बरसात ने नींबू की फसल पर काफी प्रभाव डाला। वहीं कर्नाटक के बीजापुर में होने वाली नींबू की पैदावार अभी पर्याप्त ना होने से कभी-कभार ही मंडियों में माल पहुंच रहा है, यही हाल हैदराबाद का भी है। इस समय सिर्फ मद्रास के गडूर से नींबू आ रहा। मालूम हो कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा नींबू उत्पादक है जोकि हर साल दुनिया के 17.42 फीसदी हिस्से का अकेले उत्पादन करता है।
किसानों की बेरूखी से भी पड़ा असर: आजादपुर मंडी में नींबू के थोक व्यापारी वरूण चौधरी ने बताया कि कोरोना के चलते बीते दो सालों में होटल इंडस्ट्री ठप पड़ी हुई थी, शादियों का काम भी काफी हल्का था। जिससे नींबू की मांग घट गई और हालात यह हुआ कि 10 रूपए किलो तक किसानों को अपनी फसल के दाम मिले। किसानों ने नींबू के प्रति बेरूखी दिखाई और कीटनाशकों का छिड़काव नींबू पर नहीं किया, जिसका असर पैदावार पर पड़ा है।
मांग के मुकाबले आपूर्ति बेहद कम: वरूण बताते हैं कि पूरे भारत में नींबू की रोजाना की वर्तमान आवक 30 गाड़ी रह गई है। आजादपुर मंडी में मात्र 4 गाड़ी रोजाना उतर रही है। एक गाड़ी में करीब 20 टन नींबू होता है। जबकि बात यदि दिल्ली की करें तो मांग 25 से 30 गाडी की है। हालांकि सोमवार को मंडी खुलने पर 9 गाड़ी आजादपुर पहुंचने की संभावना जताई जा रही है।
बीजापुर के नींबू घटाएंगे दाम: बीजापुर में 15-20 दिनों के भीतर बारिश होने की संभावना है जिसके बाद नींबू की आवक बढ़ेगी, तब नींबू के दाम घटेंगे। वहीं एक महीने तक दामों में तेजी रहने के बाद नींबू की नई फसल जैसे ही बाजारों में आएगी तो दाम अपने आप स्थिर हो जाएंगे। दरअसल नींबू को स्टोर करना भी इस समय व्यापारियों के लिए समस्या बना हुआ है।
चाईना बीज ना लगाएं किसान: वरूण ने कहा कि हरियाणा के सोनीपत में किसानों द्वारा नींबू की चाईना वेरायटी लगाई जा रही है जो 24 घंटे के भीतर पिलपिले और काले हो जाते हैं इनकी पैदावार होने के बावजूद नुकसान के डर से आढ़ती इसे नहीं खरीदते। जबकि कर्नाटक, आंध्र प्रदेश व गुजरात के नींबू में रस ज्यादा होता है और 10 दिनों तक खराब नहीं होते।