- Home
- /
- दिल्ली-एनसीआर
- /
- दिल्ली विश्वविद्यालय...
दिल्ली विश्वविद्यालय समिति प्रमुख ने प्राथमिकताएं की तय, प्राचार्य का किया बचाव
दिल्ली: दिल्ली विश्वविद्यालय के इंद्रप्रस्थ (आईपी) कॉलेज में छात्राओं के कथित उत्पीड़न की जांच कर रही पांच सदस्यीय समिति के प्रमुख ने मंगलवार को कहा कि समिति की वर्तमान प्राथमिकता छात्राओं और प्रशासन के बीच विश्वास बहाल करना और कक्षाओं को फिर से शुरू करना है जो लगातार विरोध प्रदर्शनों से प्रभावित हुए हैं।
समिति का नेतृत्व कर रहे साउथ कैंपस के निदेशक प्रकाश सिंह ने कहा कि समिति प्रदर्शनकारी छात्राओं और कॉलेज प्रशासन सहित सभी हितधारकों से उनके पक्ष को समझने के लिए बात करेगी। परिसर में सुरक्षा सुनिश्चित करने में कथित रूप से विफल रहने के लिए इंद्रप्रस्थ महिला कॉलेज (आईपीसीडब्ल्यू) की प्राचार्य पूनम कुमरिया के इस्तीफे की मांग को लेकर छात्राएं नियमित रूप से विरोध प्रदर्शन कर रही हैं।
सिंह ने कुमरिया का बचाव करते हुए कहा कि उन्होंने "हाल ही में" कॉलेज के प्राचार्य के रूप में पदभार संभाला है और ऐसी समितियां हैं जो इस तरह के आयोजनों का जिम्मा संभालती हैं। उन्होंने कहा, ‘‘प्राचार्य ने हाल ही में कॉलेज में प्रभार संभाला है। उन्हें कॉलेज में आए हुए मुश्किल से एक महीना हुआ है। एक प्राचार्य जिन्होंने हाल ही में कॉलेज में प्रभार संभाला है, वह अपने कॉलेज में अराजकता क्यों चाहेंगी? प्राथमिकता किसी व्यक्ति की गलती को देखना नहीं बल्कि कॉलेज में सुरक्षा को मजबूत करना है।’’
जवाबदेही के सवाल पर सिंह ने कहा कि यह व्यापक जांच का हिस्सा है। सिंह ने कहा, ‘‘इतने सारे लोग एक कार्यक्रम के संचालन में शामिल होते हैं। इसमें कोई संदेह नहीं है कि सुरक्षा बनाए रखना कॉलेज प्रमुख की प्राथमिकता है। (लेकिन) समस्त कार्य प्राचार्य द्वारा नहीं किये जाते हैं। काम समितियों द्वारा किया जाता है। हम देखेंगे कि सुरक्षा की देखरेख करने के लिए कोई समिति थी या नहीं।
कॉलेज प्रशासन से भी अपना पक्ष रखने के लिए सबूत उपलब्ध कराने के लिए कहा जाएगा। छात्राओं का एक वर्ग जहां प्राचार्य पर आरोप लगा रहा है, वहीं दूसरा उनके प्रयासों की सराहना कर रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘कुछ लोग प्राचार्य पर आरोप लगा रहे हैं, जबकि एक वर्ग ने मुझे बताया है कि प्राचार्य स्थिति को नियंत्रित करने की कोशिश कर रही थीं। इसके दो पक्ष हैं। हम सभी पहलुओं पर चर्चा करेंगे। हम कॉलेज से अपना पक्ष रखने के लिए कहेंगे।’’
छात्राओं ने आरोप लगाया है कि 29 मार्च को एक सांस्कृतिक कार्यक्रम के दौरान कुछ पुरुषों ने कॉलेज की चहारदिवारी पर चढ़कर कई छात्राओं को परेशान किया। उनके विरोध प्रदर्शन के बाद, दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) ने सोमवार को "छात्राओं द्वारा उठाई गई शिकायतों" पर गौर करने के लिए एक समिति का गठन किया और समिति से एक सप्ताह में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए कहा।
सिंह ने कहा कि समिति "मामले की तह तक" जाने के लिए सभी हितधारकों की बात सुनेगी और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के तरीकों का पता लगाने के लिए पुलिस के साथ काम करेगी। उन्होंने कहा कि समिति बुधवार को बैठक करेगी और परिसर में सुरक्षा को मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा करेगी। सिंह ने कहा, ‘‘हम कॉलेज भी जाएंगे और हितधारकों की शिकायतों को समझने के लिए उनसे बात करेंगे।’’
उन्होंने कहा, ‘‘प्राथमिकताएं कक्षाओं को फिर से शुरू करना, भरोसा कायम करना और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के तरीकों का पता लगाना है। हम यह भी देखेंगे कि महिला कॉलेजों में कार्यक्रम के दौरान पुरुषों के प्रवेश को रोका जाना चाहिए या नहीं।’’ पुलिस ने भारतीय दंड संहिता की धारा 337 और 188 के तहत प्राथमिकी दर्ज की है।
आईपीसीडब्ल्यू ने एक बयान में कहा है कि घटना के लिए जिम्मेदार सभी लोगों को दंडित किया जाना चाहिए और इसके द्वारा प्राप्त सभी जानकारी कानून-प्रवर्तन एजेंसी को जांच में तेजी लाने के अनुरोध के साथ प्रदान की जाएगी। लेकिन छात्राएं प्राचार्य के इस्तीफे की अपनी मांग पर अड़ी हुई हैं और उन्होंने कॉलेज प्रबंधन से इस मुद्दे पर चर्चा के लिए आमसभा की बैठक बुलाने की भी मांग की है।