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दिल्ली: सिग्नेचर ब्रिज से डीएनडी तक सिग्नल फ्री एलिवेटेड कॉरिडोर प्रस्ताव के लिए यूटीपैक के पास मंजूरी के लिए भेजा
दिल्ली एनसीआर न्यूज़: सिग्नेचर ब्रिज से डीएनडी फ्लाईओवर तक प्रस्तावित करीब 22 किलोमीटर लम्बे सिग्नल फ्री एलिवेटेड कॉरिडोर के प्रस्ताव को दिल्ली सरकार ने यूटीपैक के पास मंजूरी के लिए भेज दी है। रिंग रोड पर वाहन चालकों को जाम से राहत देने के लिए यह योजना लाई गई है। लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) इस योजना को आगे बढ़ाने की तैयारी में जुट गया है। इस योजना को यमुना स्टैंडिंग कमेटी पहले ही मंजूरी दे चुकी है। कमेटी ने मंजूरी देते हुए माना था कि इस कॉरिडोर के निर्माण से यमुना के पर्यावरण पर कोई असर नहीं पड़ेगा। हालांकि यूटीपैक (यूनाइटेड ट्रैफिक एंड इंफ्रास्ट्रक्चर प्लानिंग एंड इंजीनियरिंग सेंटर) ने एनजीटी की यमुना प्रिंसिपल कमेटी से पहले इस परियोजना की मंजूरी लेने के लिए कहा है। यहां से मंजूरी मिलने के बाद यूटीपैक इस परियोजना को मंजूरी देगा। इसका करीब 6 किलोमीटर हिस्सा डबल डेकर होगा। इसके तहत बनने वाले डबल डेकर फ्लाईओवर वाले भाग में ऊपर के भाग में तेज रफ्तार बड़े वाहन चलेंगे। जबकि नीचे के भाग में कम रफ्तार वाले वाहन व साइकिल वाले चलेंगे। बैट्री रिक्शा भी चलाए जाएंगे। इन छह किलोमीटर के भाग में बाजार विकसित किए जाने की भी योजना है। इसके बन जाने पर रिंग रोड पर वाहनों का दबाव कम हो जाएगा और लोगों को कश्मीरी गेट बस अड्डा से लेकर मैटकॉफ हाउस और मजनूं का टीला तक जाम में नहीं फंसना पड़ेगा।
क्या है प्रस्तावित योजना:
-सिग्नेचर ब्रिज से शुरू होने वाले इस कॉरिडोर को डीएनडी और बारापुला फ्लाईओवर से जोड़ने की योजना।
-इससे सिग्नेचर ब्रिज से एम्स और नोएडा तक लोगों को जाम फ्री कॉरिडोर मिल जाएगा।
-कंसल्टेंट ने फिजिबिलिटी रिपोर्ट तैयार की, जिसमें परियोजना के रूट को निर्धारित किया गया।
-भूमि की उपलब्धता के हिसाब से 6 किलोमीटर में एलिवेटेड कॉरिडोर को डबल डेकर बनाया जाएगा।
रिंग रोड से अलग:
-कॉरिडोर को रिंग रोड से अलग बनाई जाएगी।
-रिंग रोड पर वाहनों के बढ़ते दबाव को देखते हुए सिग्नेचर ब्रिज से निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन (सराय काले खां) से होते हुए डीएनडी तक एलिवेटेड कॉरिडोर बनाने का फैसला किया गया।
कॉरिडोर लिंक रोड से भी जुड़ेगा
-कॉरिडोर के 2 लिंक रोड आईटीओ और राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-9 के पास जोड़े जाएंगे।
-इसे डीएनडी और बारापुला से जोड़ा जाएगा।
-कॉरिडोर पर एक भी लालबत्ती नहीं होगी।
-लोगों को सिग्नेचर ब्रिज से सिग्नल फ्री कॉरिडोर मिल जाएगा।
दावा, परियोजना में अड़चन नहीं: लोक निर्माण विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि परियोजना को लेकर कोई तकनीकी अड़चन नहीं है। फिर भी लोक निर्माण विभाग ने इसकी स्टडी के जरिए रिपोर्ट तैयार कराकर इसे यमुना स्टैंडिंग कमेटी को भेजा था, ताकि उससे भी परियोजना को लेकर उनकी राय ली जा सके। यमुना स्टैंडिंग कमेटी की बैठक में कुछ सुझावों के साथ प्रस्ताव को मंजूरी दी गई थी। अब एनजीटी की कमेटी से भी मंजूरी मिलने की उम्मीद की जा रही है।