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दिल्ली: 75,800 करोड़ रूपए का बजट दिल्ली विधानसभा में पारित हुआ
दिल्ली न्यूज़: दिल्ली सरकार के वित्त वर्ष 2022-23 के लिए 75,800 करोड़ रुपए के रोजगार बजट को चर्चा के बाद विधानसभा द्वारा पारित कर दिया गया। बजट सत्र के समापन के बाद विधानसभा अध्यक्ष रामनिवास गोयल ने सदन की कार्यवाही को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया। बजट सत्र 23 मार्च को शुरू हुआ था। बजट में खुदरा क्षेत्र को बढ़ावा, बिना मंजूरी वाले क्षेत्रों के प्रसिद्ध बाजारों और औद्योगिक क्षेत्रों का पुर्निवकास, स्टार्टअप, पर्यटन और रात के समय की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के जरिए अगले पांच वर्षों में 20 लाख रोजगार के अवसर पैदा करने पर ध्यान केंद्रित किया गया है। यह बजट दिल्लीवासियों से प्राप्त 6,500 सुझावों के आधार पर तैयार किया गया था।
अर्थव्यवस्था पर सरकार की टीम द्वारा विभिन्न बाजार संघों और नियामक निकायों के साथ 150 से अधिक बैठकें आयोजित की गई। इसके बाद बजट में प्रतिष्ठित बाजारों का पुर्निवकास, आईटी पार्क, स्टार्टअप नीति, ई-कॉमर्स को बढ़ावा व नई नौकरियों के सृजन जैसे कई महत्वपूर्ण सुझाव शामिल किए गए हैं। अगले पांच वर्षों में 20 लाख नौकरियां पैदा करने के लिए सरकार 4,500 करोड़ रुपए खर्च करेगी। ज्यादातर नौकरियों का सृजन निजी क्षेत्रों में होगा। इसमें से 2022-23 में 800 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। एक इलेक्ट्रॉनिक शहर की स्थापना और खुदरा व थोक बाजारों को बढ़ावा देने को भी बजट में प्रमुखता दी गई है। इसके लिए शॉपिंग फेस्टिवल का आयोजन होगा। वहीं, गांधी नगर मार्केट को एक बेहतर बाजार के रूप में भी स्थापित करना सरकार का लक्ष्य है। बिजली-पानी में छूट समेत कई पुरानी योजनाओं को जारी रखते हुए फिर शिक्षा व स्वास्थ्य पर सबसे अधिक धनराशि का प्रावधान किया गया है। आप सरकार का यह लगातार आठवां बजट है। सरकार अपने विभागों और एजेंसियों के लिए बजट आवंटन का रोजगार आडिट भी करवाएगी। अगले दो वर्ष में यमुना नदी को पूरी तरह से साफ किया जाएगा। नजफगढ़ नाले को पूर्व की नदी साहिबी के रूप में लाया जाएगा। इसे पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाएगा। वहीं, अगले पांच वर्षों में दिल्ली की कामकाजी आबादी को 33 प्रतिशत से बढ़ाकर 45 प्रतिशत करने की घोषणा की गई है।