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दिल्ली दंगा: दिल्ली दंगों के लिये धन जुटाने के आरोपी मीरान हैदर की जमानत अर्जी हुई खारिज
दिल्ली: कडक़डड़ूमा स्थित अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमिताभ रावत की अदालत ने दिल्ली दंगे की साजिश रचने के आरोपी जामिया मिल्लिया इस्लामिया के छात्र मीरान हैदर की जमानत अर्जी खारिज कर दी थी। अभियोजन पक्ष ने अदालत में कहा कि दिल्ली दंगों के लिए मीरान हैदर ने धन जुटाया था। मीरान को इस मामले में एक अप्रैल, 2020 को गिरफ्तार किया गया था, तब से वह जेल में है। दिल्ली दंगे की साजिश रचने व दगों के लिये धन जुटाने के आरोपी जामिया के छात्र मीरान हैदर की जमानत अर्जी अभियोजन व बचाव पक्ष की दलीलें सुनने के बाद सोमवार को फैसला सुरक्षित रख लिया था। मंगलवार को अदालत ने अपना फैसला सुनाया था। अदालत ने जमानत याचिका को खारिज करते हुए कहा था कि प्रथम दृष्ट्या आरोपी पर लगाए गए आरोप सही प्रतीत होते हैं। ऐसे में उसे जमानत नहीं दी जा सकती।
अभियोजन पक्ष ने अदालत में कहा कि दिल्ली दंगों को पोषित करने के लिये लिए मीरान हैदर ने धन जुटाया था। दंगे से कुछ दिनों पहले उसने 1 लाख 45 हजार रुपये अपनी बहन शाहजहां के पास रखवाए थे। मीरान की गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने यह रकम व एक डायरी व रजिस्टर भी बरामद किया था। डायरी और रजिस्टर में दंगे के लिए जुटाए गए धन का हिसाब लिखा हुआ था। उसकी बहन के पास से जो रकम बरामद हुई थी, वह दंगे के लिए जुटाई गई थी। अभियोजन पक्ष ने अदालत में कहा कि मीरान के खिलाफ कई गवाह हैं, गोपनीय गवाहों की गवाही का हवाला देते हुए अभियोजन ने कहा कि मीरान ने दंगे में सक्रिय भूमिका निभाई थी। मीरान ने कई लोगों से कहा था कि केंद्र की सरकार मुस्लिम विरोधी है, उसके खिलाफ उसे धन की जरूरत है। वह उस धन के जरिये दंगे करवाएगा और विश्व में केंद्र सरकार की छवि को धूमिल करेगा। बचाव पक्ष के वकील ने कहा कि दंगे के दौरान मीरान हैदर दिल्लीे में मौजूद नहीं था। मीरान पढ़ा लिखा है, वह सामाजिक मुद्दो को समय-समय पर उठाता रहा है। इसपर अदालत ने कहा कि यह जमानत का कोई आधार नहीं है। साजिश के मामले में यह जरूरी नहीं है कि आरोपित मौके पर मौजूद हो।