दिल्ली-एनसीआर

दिल्ली पुलिस ने शेयर की160 साल पहले की एफआईआर दर्ज फाइल... लिखा था उर्दू भाषा में

Ritisha Jaiswal
23 Oct 2021 9:51 AM GMT
दिल्ली पुलिस ने शेयर की160 साल पहले की एफआईआर दर्ज फाइल... लिखा था उर्दू भाषा में
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दिल्‍ली पुलिस (Delhi Police) से संबंधित एक फोटो इस वक्‍त सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है,

जनता से रिश्ता वेबडेस्क | दिल्‍ली पुलिस (Delhi Police) से संबंधित एक फोटो इस वक्‍त सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है, जो कि पुलिस द्वारा फाइल की गई पहली एफआईआर (FIR) बताई जा रही है. यही नहीं, इस वायरल फोटो को खुद दिल्ली पुलिस ने भी शेयर किया है. दरअसल 160 साल पहले राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में पहली एफआईआर दर्ज की गई थी.

वायरल तस्वीर के मुताबिक, दिल्ली पुलिस द्वारा 160 साल पहले यानी 18 अक्टूबर, 1861 को पहली एफआईआर दर्ज की गई है. वहीं, यह एफआईआर उर्दू भाषा में लिखी गई है और जिस अपराध के लिए शिकायत दर्ज करवाई गई है वो काफी हैरान करने वाला है. इस FIR में शख्स ने अपना हुक्का और अन्य बर्तन के चोरी होने के बारे में शिकायत दर्ज करवाई थी.
बता दें कि थिंक टैंक और स्ट्रैटेजिक कंसल्टेंसी डीपस्ट्रैट के चेयरमैन यशोवर्धन आजाद (Yashovardhan Azad) ने सोशल मीडिया पर एक तस्वीर शेयर की है. इससे पहले यह तस्वीर मूल रूप से 2017 में दिल्ली पुलिस के आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर पोस्ट की गई थी. आजाद ने लिखा, 'दिल्ली पुलिस द्वारा दर्ज की गई पहली प्राथमिकी का 1861 रिकॉर्ड. एक अमूल्य टुकड़ा और एक कीमती जानकारी.'
वेबसाइट मनी कंट्रोल के मुताबिक, दिल्‍ली के कटरा शीश महल के रहने वाले माईउद्दीन पुत्र मोहम्मद यार खान ने अपने घर से 45 आने (उस समय लगभग 2.81 रुपये) का सामान चोरी करने का एफआईआर दर्ज कराई थी. उत्तरी दिल्ली के सब्जी मंडी पुलिस स्टेशन में दर्ज शिकायत में एक हुक्का (धूम्रपान पाइप), खाना पकाने के बर्तन और एक कुल्फी (आइसक्रीम) चोरी करना शामिल है. उस वक्त राजधानी में सिर्फ 5 पुलिस स्टेशन थे. सब्जी मंडी के अलावा मुंडका, मेहरौली, सरदार बाजार और सदर बाजार के पुलिस स्टेशन अहम थे. अधिकारियों के अनुसार, उस दौर की कई एफआईआर को आज भी सब्जी मंडी स्टेशन में सुरक्षित रखा गया है. वहीं, 30 अप्रैल 1895 को एक खच्चर गुम हो जाने की एफआईआर दर्ज करवाई गई थी. जबकि 16 फरवरी 1891 को 2 आने के 11 संतरे गुम हो जाने की रिपोर्ट भी लिखवाई गई थी. इसके अलावा 5 आने के एक पैजामे की चोरी की शिकायत 15 मार्च 1897 को दर्ज करवाई गई थी.


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