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दिल्ली-एनसीआर
दिल्ली पुलिस अपने ही एसआई की नहीं सुन रही, एफआईआर के लिए अदालत में लगाई गुहार, जानें पूरा मामला
Renuka Sahu
10 July 2022 2:57 AM GMT
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फाइल फोटो
दिल्ली पुलिस में सब इंस्पेक्टर के पद पर कार्यरत एक शख्स को प्राथमिकी दर्ज कराने के लिए अदालत की शरण लेनी पड़ी है।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। दिल्ली पुलिस में सब इंस्पेक्टर के पद पर कार्यरत एक शख्स को प्राथमिकी दर्ज कराने के लिए अदालत की शरण लेनी पड़ी है। पुलिस अधिकारी का कहना है कि ड्यूटी पर तैनाती के दौरान उसके साथ हुए अपराध को लेकर हौजखास थाना पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज करने से इनकार कर दिया है। वहीं, पुलिस उपायुक्त ने भी शिकायत करने पर संतोषजनक जवाब नहीं दिया। इस मामले में अदालत ने दक्षिणी दिल्ली पुलिस उपायुक्त से जवाब तलब किया है।
साकेत स्थित अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट हिमांशु रमन सिंह की अदालत में सब इंस्पेक्टर राहुल निमेष ने सीआरपीसी की धारा 156(3) के तहत शिकायतपत्र दाखिल किया। सब इंस्पेक्टर का कहना था कि उसका अपनी पत्नी से पारिवारिक विवाद चल रहा है। पत्नी अलग रह रही है। लेकिन वह समय-समय पर उसकी ड्यूटी पर तैनाती के दौरान उससे बदसलूकी कर चुकी है।
बीती 8 जून को वह हौजखास थाने में ड्यूटी पर तैनात था। रात 9:22 बजे एक पीसीआर कॉल आई तो वह अन्य साथी कर्मियों के साथ अपनी निजी कार से घटनास्थल के लिए चला। सब इंस्पेक्टर के अनुसार, रास्ते में उसकी पत्नी ने अपनी स्कूटी कार के आगे लगा दी और जबरन उसका मोबाइल और ऑफिशियल डायरी छीन ली। मौके से ही उसने पीसीआर कॉल की लेकिन मुकदमा दर्ज नहीं किया गया।
वहीं, ड्यूटी पर तैनाती के दौरान हुई इस घटना के लिए पत्नी के खिलाफ मोबाइल झपटने, सरकारी काम में बाधा डालने, आपराधिक बल प्रयोग समेत अन्य आरोपों के तहत मुकदमा दर्ज होना चाहिए था। पुलिसकर्मी का कहना है कि पुलिस से मदद न मिलते देख उसने मोबाइल छीनने के बाबत ई-एफआईआर दर्ज कराई है। अदालत में इस मामले में अब 16 जुलाई को सुनवाई होगी।
पुलिस ने पारिवारिक मामला बताया
इस मामले में दक्षिणी दिल्ली पुलिस उपायुक्त ने जवाब दाखिल करते हुए कहा कि यह पारिवारिक विवाद से संबंधित मामला है। शिकायतकर्ता जबरन इसे दूसरा रंग देने का प्रयास कर रहा है। हालांकि पुलिस उपायुक्त ने माना है कि घटना वाले दिन सब इंस्पेक्टर राहुल ड्यूटी पर तैनात थे और पीसीआर कॉल पर उन्हें अग्रस्त क्रांति मार्ग पर भेजा गया था। इसी बीच खुद राहुल ने भी पीसीआर कॉल की थी, जिस पर एएसआई बिल्लू कुमार को भेजा गया। उन्होंने इसे पारिवारिक विवाद बताया, जो महिला अपराध शाखा में लंबित है।
ई-एफआईआर पर जांच का निर्देश
दक्षिणी दिल्ली पुलिस उपायुक्त ने अपने जवाब में माना है कि सब इंस्पेक्टर राहुल निमेष ने हौजखास थानाध्यक्ष से मोबाइल वापस दिलाने का आग्रह किया था। थानाध्यक्ष ने एएसआई बिल्लू कुमार को राहुल की पत्नी के घर भेजा। लेकिन उसकी पत्नी ने कहा कि यह निजी मामला है। उसे पति का फोन रखने का अधिकार है। वह खुद अपने मामले को सुलझा लेगी। पुलिस उपायुक्त का कहना था कि इसीलिए कानूनी कार्रवाई नहीं की गई। वैसे भी मामला महिला अपराध शाखा में लंबित है। हालांकि ई-एफआईआर पर थानाध्यक्ष को जांच करने का निर्देश दिया गया है।
Renuka Sahu
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