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दिल्ली: पुलिस ने साइबर ठगी करने वाले नाबालिग समेत तीन को धर दबोचा
दिल्ली क्राइम न्यूज़ अपडेटेड: बाहरी उत्तरी जिला की साइबर थाना पुलिस ने एक नाबालिग समेत तीन को गिरफ्तार किया है। आरोपियों की पहचान विश्वजीत सिंह और ललित कुमार उर्फ मोदी उर्फ रिंकू के रूप में हुई है। आरोपियों के कब्जे से पांच मोबाइल फोन, एक लैपटॉप,एक नोट बुक व अन्य दस्तावेज बरामद किये हैं। पुलिस आरोपियों से पूछताछ कर उनके बाकी नेटवर्क के बारे में जानने की कोशिश कर रही है। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि सेक्टर-11 रोहिणी की रहने वाली निर्मल सिंह ने साइबर थाने में धोखाधड़ी होने की लिखित शिकायत दी थी। उन्होंने बताया कि उसके साथ चार लाख 70 हजार रुपये की धोखाधड़ी हुई है। उसको उसके सनातन धर्म आश्रम में रहने वाले एक नाबालिग पर शक है। उसके अपने एयरटेल और पेटीएम से लाखों रुपये निकले हैं। पुलिस ने शिकायतकर्ता के बयान पर मामला दर्ज किया। एसीपी रिचपाल सिंह की देखरेख में एसएचओ रमन कुमार सिंह के निर्देशन एसआई हिमांशु बलियान, एसआई दामोदर, एसआई सोमवीर सिंह हेड कांस्टेबल संजीत,मनोज कांस्टेबल अवधेश और ईश्वर यादव को आरोपियों को पकडऩे का जिम्मा सौंपा गया। नाबालिग पिछले एक साल से आश्रम में रह रहा था। पुलिस टीम ने नाबालिग के खातों के बारे में जानकारी जुटानी शुरू की। जिसमें कई बड़ी ट्रांजेक्शन हुई थी। पिछले कुछ समय से नाबालिग कुछ अपराधिक गतिविधियों में शामिल हो गया था।
कुछ समय पहले राजा नामक दोस्त ने उसे ललित उर्फ मोदी से मिलवाया था। ललित उर्फ मोदी गांव काकोला यूपी में रहता है। जो पहले हत्या, डकैती आदि वारदातों में शामिल रहा है। आरोपियों ने शिकायतकर्ता के मोबाइल फोन में मोबाइल ट्रैकर एप इंस्टॉल कर दिया था। साथ ही सुमित उर्फ गोलू नामक साथी की सहायता से उज्जीवन बैंक अलीगढ़ में एक मृत व्यक्ति बब्लू कुमार नाम के खाते की व्यवस्था की। इस वारदात में आरोपियों ने एक विश्वजीत सिंह को भी साथ में मिलाया। बाद में ललित उर्फ मोदी, नाबालिग ने मोबाइल ट्रैकर साइट पर शिकायतकर्ता के मोबाइल में एक आईडी बनाई और फिर अलीगढ़ से अपने डिवाइस यानी ऐप्पल में अपने पेटीएम खाते को एक्सेस किया। बाद में दो लाख रुपये का पर्र्सनल लोन के लिये भी आवेदन किया। 27 जनवरी को इस लोन को शिकायतकर्ता के खाते में जमा किया गया। उसी दिन आरोपियों ने दो लाख रुपये निकालकर बब्लू कुमार के खाते में ट्रांस्फर कर दिया। जिसके बाद एटीएम से पैसे निकालकर आपस में बांट लिये। पता चला कि गैंग इस तरह से पिछले कई महीनों से साइबर क्रॉइम में शामिल रहे हैं। ललित कुमार उर्फ मोदी उफ्र रिंकू मुख्य साजिशकर्ता हैं। पुलिस ने नाबालिग और उसके दोनों साथियों को पकडक़र लैपटोप और फोन भी जब्त कर लिया। ललित के पास से एक नोटबुक भी बरामद की गई है। आरोपियों से पूछताछ करने पर पता चला कि उन्होंने 11 खाते खुलवा रखे थे।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि ये साइबर अपराधी एक अपराधी के तहत बेहद गुपचुप तरीके से काम कर रहे थे। सुमित उन लोगों के बारे में पता करता था,जो अमीर होते थे और उनकी जिंदगी खत्म होने वाली होती थी। वे अपनों को संपत्ति देना चाहते थे। ललित कुमार सिफोनिक नाम से एक फेसबुक पेज खोला हुआ था। जिसपर आधार ऋण और आधार कार्ड, पैन कार्ड, बिजली बिल जैसे दस्तावेज फर्जी तरीके से बनाया करता था। उनके कागजातों का इस्तेमाल करके साथी की सहायता से 12 नकली जीएसटी खाते खोलकर प्रत्येक खाते को बीस हजार रुपये में बेच दिया करता था।