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दिल्ली: पुलिस ने मिलेनियम मॉल में लीज की दुकानों को बेचकर ठगी करने वाले बिल्डर को किया गिरफ्तार

Admin Delhi 1
22 March 2022 3:56 PM GMT
दिल्ली: पुलिस ने मिलेनियम मॉल में लीज की दुकानों को बेचकर ठगी करने वाले बिल्डर को किया गिरफ्तार
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दिल्ली एनसीआर: वसुंधरा गाजियाबाद स्थित मिलेनियम मॉल में आवंटित दुकान को निवेशकों से लीज पर लेकर उसे बेचकर लाखों की ठगी करने वाले बिल्डर को दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने गिरफ्तार किया है। आरोपित ने तीन निवेशकों को तीस लाख रुपये का नुकसान पहुंचाया। आर्थिक अपराध शाखा संयुक्त आयुक्त छाया शर्मा ने मंगलवार को बताया कि गिरफ्तार आरोपित की पहचान रूप नगर निवासी हरप्रीत सिंह के रूप में हुई है। वर्ष 2019 में मनोज कुमार गुप्ता ने शाखा में फर्जीवाड़ा की शिकायत की। शिकायत में उसने बताया कि वर्ष 2007 में उसने वसुंधरा गाजियाबाद यूपी में स्थित मिलेनियम मॉल प्रोजेक्ट में एक दुकान बुक की थी। इसे वीएक्सएल रियल्टर्स प्राइवेट लिमिटेड की ओर से विकसित किया जा रहा था। इसके लिए उसने बिल्डर को साढ़े सात लाख रुपये दिए। वर्ष 2008 में बिल्डर ने शिकायतकर्ता को अपनी दुकान किराए पर देने की पेशकश की और उसके बाद शिकायतकर्ता की दुकान को लीज पर ले लिया। शुरू में किराए का भुगतान किया गया लेकिन बाद में बिल्डर न तो किराया दिया और न ही दुकान का कब्जा ही दिया। इसी तरह दो अन्य पीड़ितों ने भी अपनी शिकायत शाखा में दर्ज कराई। बिल्डर ने निवेशकों को तीस लाख का नुकसान पहुंचाया था। जांच के दौरान पता चला कि शिकायतकर्ताओं के साथ बिक्री के संबंध में समझौता करने के बावजूद आारोपित कंपनी मेसर्स वीएक्सएल रियलटर्स प्राइवेट लिमिटेड ने मेसर्स पिरामिड फिनमार्ट के साथ पीड़ितों की संपत्तियों के लिए एक बिक्री विलेख को गुप्त रूप से निष्पादित किया था।

पुलिस को पता चला कि मामले का मुख्य आरोपित हरप्रीत सिंह का साला प्रभजोत है। वह कंपनी का निदेशक भी है। उसने अपने बहनोई के साथ मिलकर वारदात को अंजाम दिया। आरोपितों ने निवेशकों से पहले निवेश करवाया फिर अधिक किराए देने का झांसा देकर उनके दुकानों का कब्जा अपने पास रखा। आरोपितों ने फर्जी दस्तावेज बनाकर उनकी दुकान को दोबारा बेच दिया। इस मामले में उप निरीक्षक पवन सहरावत के नेतृत्व में पुलिस टीम ने आरोपितों की फोन डिटेल खंगालने के बाद आरोपित को रूपनगर से गिरफ्तार कर लिया। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि हरप्रीत सिंह दिल्ली के खालसा कॉलेज से स्नातक करने के बाद गारमेंट्स व्यवसाय में हाथ आजमाया लेकिन कारोबार में घाटा होने पर अपने साले के साथ मिलकर कंपनी बनाकर ठगी को अंजाम दिया।

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