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देश में मंकीपॉक्स की एंट्री के बाद अलर्ट मोड पर दिल्ली, LNJP को बनाया सरकार ने नोडल सेंटर

Renuka Sahu
16 July 2022 6:58 AM GMT
Delhi on alert mode after the entry of monkeypox in the country, the government made LNJP the nodal center
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फाइल फोटो 

भारत में मंकीपॉक्स के पहले मामले की पुष्टि हो चुकी है। इसके बाद दिल्ली सरकार अलर्ट हो गई है।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। भारत में मंकीपॉक्स के पहले मामले की पुष्टि हो चुकी है। इसके बाद दिल्ली सरकार अलर्ट हो गई है। सरकार ने लोक नायक जयप्रकाश अस्पताल को मंकीपॉक्स का नोडल सेंटर बनाया है। सूत्रों का कहना है कि राजधानी में बेशक इस वायरस का कोई मामला अभी सामने नहीं आया है, लेकिन राज्य सरकार ने अस्पताल को आइसोलेशन के लिए तैयार रहने का निर्देश दिया है। यहीं बीमारी के संदिग्ध और कंफर्म मामलों का इलाज होगा।

सरकार का यह निर्देश ऐसे समय पर आया है जब केरल के कोल्लम में रहने वाले 35 साल के शख्स में वायरस की पुष्टि हुई है। लोक नायक अस्पताल के चिकित्सा निदेशक डॉ सुरेश कुमार ने सरकार के इस कदम की पुष्टि की है। उन्होंने कहा, 'हम अपने डॉक्टरों और कर्मचारियों को मंकीपॉक्स के मामलों में आइसोलेशन, कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग और प्रबंधन के बारे में सभी वैज्ञानिक ज्ञान और मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) प्रदान कर रहे हैं।'
चेचक जैसे हैं लक्षण
मंकीपॉक्स एक तेजी से वायरल होने वाली बीमारी है जिसके लक्षण चेचक के समान, लेकिन हल्के होते हैं। रोग के शुरुआती लक्षणों में बुखार, तेज सिरदर्द, पीठ दर्द, मायलगिया (मांसपेशियों में दर्द) और त्वचा की ऊपरी परत का उखड़ना शामिल है। उन्होंने कहा कि फिलहाल बीमारी का कोई इलाज नहीं है और उपचार ज्यादातर सिप्टोमैटिक (लक्षण के आधार) होता है।
बीमारी से नहीं होती मौत
राम मनोहर लोहिया अस्पताल में डर्मेटोलॉजिस्ट (चर्म रोग विशेषज्ञ) के प्रोफेसर डॉक्टर कबीर सरदाना ने कहा, 'मंकीपॉक्स कोविड-19 की तरह संक्रामक रोग नहीं है। बीमारी की वजह से लोगों की मौत होना भी दुर्लभ है। हालांकि, यह चिंता का विषय इसलिए है क्योंकि बीमारी पहली बार नॉन एनडेमिक क्षेत्रों में फैल रही है।' इंसानों में मंकीपॉक्स का पहला मामला 1970 में डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो में मिला था।
समय पर पता लगाना जरूरी
सरदाना ने कहा कि जिन देशों में यह बीमारी एनडेमिक है, वहां से आने वाले सभी यात्रियों के लक्षणों की जांच की जानी चाहिए। आरएमएल के डॉक्टर ने कहा, 'सरकार को एयरपोर्ट्स पर मंकीपॉक्‍स के मरीजों की ग्राफिक तस्‍वीरें लगानी चाहिए ताकि वे खुद इसके बारे में जानकारी दे सकें। इस बीमारी के पहचाने वाले लक्षणों में काले रंग के दानों का शरीर पर उभरना है। ऐसे में बीमारी के लक्षण वाले मरीजों को स्क्रीनिंग डेस्क पर इसे रिपोर्ट करना चाहिए।' उन्होंने कहा कि कंफर्म मामलों का समय पर पता लगाना और उन्हें आइसोलेट करके बीमारी के प्रसार को रोका जा सकता है।
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