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दिल्ली एनसीआर: गाजियाबाद में 51 निवेशकों की शिकायतें पुलिस के पास पहुंची

Admin Delhi 1
26 March 2022 3:42 PM GMT
दिल्ली एनसीआर: गाजियाबाद में 51 निवेशकों की शिकायतें पुलिस के पास पहुंची
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दिल्ली/गाजियाबाद न्यूज़: दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने गाजियाबाद के राजनगर एक्सटेंशन में रेड एप्पल होम्स नाम का परियोजना चला 11 करोड़ की ठगी करने वाले दो जालसाज बिल्डरों को गिरफ्तार किया है। उन्होंने प्राइम लोकेशन प्रॉपर्टी का फर्जी बोर्ड संकल्प और एग्रीमेंट का इस्तेमाल कर ठगी की थी। गिरफ्तार जालसाज बिल्डरों की पहचान रामप्रस्थ कालोनी निवासी प्रतीक जैन (41) और अक्षय जैन (31)के रूप में हुई है। उनके खिलाफ पुलिस के पास करीब 51 निवेशकों ने शिकायत की थी और दोनों के खिलाफ 29 केस दर्ज हुये थे। ईओडब्ल्यू की संयुक्त आयुक्त छाया शर्मा ने शनिवार को बताया कि शिकायतकर्ताओं ने बताया था कि मंजू जे होम्स लिमिटेड के निदेशकों का पंजीकृत कार्यालय सी-294, पहली मंजिल, विवेक विहार, दिल्ली में था। उन्होंने राज नगर एक्सटेंशन में 2012 में रेड एप्पल होम्ज नामक परियोजना में फ्लैटों की बुकिंग के लिये लोगों को प्रेरित किया था।

पीडि़तों को आश्वासन दिया गया था कि फ्लैटों का कब्जा तीन साल के भीतर सौंप दिया जाएगा। प्रारंभिक भुगतान (बुकिंग राशि) के बाद निवेशकों के आवेदन पर प्रस्तावित फ्लैटों के लिए बैंकों/वित्तीय संस्थानों से लोन लिया गया था और बिल्डर कंपनी ने फ्लैट सौंपे जाने तक प्राप्त लोन की ईएमआई का भुगतान करने का वादा किया था। हालांकि, आज तक साइट पर निर्माण पूरा नहीं हुआ है और बिल्डर कंपनी ने बैंकों को ईएमआई देना बंद कर दिया। अब तक 51 शिकायतकर्ता ने पुलिस ने संपर्क किया है। इनसे करीब 11 करोड़ रुपये की ठगी का अनुमान है। इनमें से कई शिकायतकर्ताओं ने आरोप लगाया है कि हालांकि उनके आवेदनों पर लोन स्वीकृत किया गया था, लेकिन उनकी जानकारी के बिना, कई दस्तावेजों पर जाली हस्ताक्षर करके बिल्डर को लोन राशि वितरित की गई थी।

2018 में ईओडब्ल्यू ने दर्ज किया था मामला: प्रारंभिक जांच के बाद 2018 में ईओडब्ल्यू ने मामला दर्ज किया था। जांच के दौरान यह पाया गया है कि ग्राम मोरटा स्थित खसरा नंबर 1109 एवं 1110 में एक प्लॉट पर आवासीय परियोजना की जमीन आरोपित बिल्डर कंपनी मंजू जे होमज प्राइवेट लिमिटेड के नाम पर पंजीकृत है। पुलिस की तरफ से कलेक्टर, सब-रजिस्ट्रार, एसडीएम, तहसीलदार, जीडीए आदि को सीआरपीसी की धारा 102 के तहत एक नोटिस इस अनुरोध के साथ भेजा गया था कि परियोजना की भूमि का उपयोग निवेशकों को धोखा देने के लिए किया गया था। गाजियाबाद विकास प्राधिकरण से प्राप्त उत्तर से पता चला है कि परियोजना के लिए लाइसेंस की अनुमति 26 दिसंबर 2015 को दी गई थी और उसके बाद अग्निशमन विभाग, पर्यावरण विभाग से अनुमति दी गई थी।

ठगी की योजना से ही शुरूआत की गई थी कंपनी: ह्यजांच से यह भी पता चला कि आरोपित प्रतीक जैन और अक्षय जैन ने अन्य सह-आरोपित विजयंत जैन और राजकुमार जैन के साथ मिलकर जनता का पैसा ठगने के लिये ही कंपनी शुरू की थी। आरोपित प्रतीक जैन और अक्षय जैन बैंक खाते में अधिकृत हस्ताक्षरकर्ता और कंपनी के निदेशक थे। अक्षय ने पंजाब से मैकेनिकल इंजीनियरिंग की है और प्रतीक जैन ने गढ़वाल से बीएससी किया है।दोनों आरोपित दो कंपनियों का संचालन कर रहे हैं, जिनका नाम है रेड एपल रेजीडेंसी और रेड एपल होमेज था। शुरुआती दौर में जांच में शामिल होने के बाद वे जांच से बचने लगे। पर्याप्त सबूत इक्ट्ठा करने के बाद 25 मार्च 2022 को इन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। दोनों को एक दिन के पुलिस कस्टडी रिमांड पर लिया गया है।

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