- Home
- /
- दिल्ली-एनसीआर
- /
- दिल्ली मेट्रो रेल...
दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन और एनसीआरटीसी ने बिजली दरें न बढ़ाने की मांग की
नोएडा न्यूज़: प्रदेश में बिजली दरों में 8 से 23 प्रतिशत बढ़ोतरी के प्रस्ताव के विरोध में दिल्ली मेट्रो रेल कारपारेशन (डीएमआरसी) और नेशनल कैपिटल रीजन ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन (एनसीआरटीसी) भी हैं. कहा कि सुरक्षित और पर्यावरण के अनुकूल सफर कराने और सड़कों पर वाहनों का दबाव कम करने में मेट्रो/हाईस्पीड रेल की अहम भूमिका है. ऐसे में उनको दी जाने वाली बिजली की दरों में बढ़ोतरी ना की जाए. अगर बिजली दर बढ़ती रही तो वह लोगों को सस्ता सफर कैसे करा पाएंगे.
बिजली दरों में प्रस्तावित वृद्धि को लेकर विद्युत नियामक आयोग ने पूरे प्रदेश में जन सुनवाई की. इसमें उपभोक्ताओं ने अपनी बात रखी. उपभोक्ताओं ने सुविधाओं को बढ़ाने के साथ ही बिजली दरों मे इजाफा नहीं करने की मांग की.
आयोग के सामने डीएमआरसी ने भी अपनी बात रखी. डीएमआरसी के प्रतिनिधि ने आयोग के चेयरमैन आरपी सिंह से अनुरोध किया कि मेट्रो को दी जाने वाली बिजली की दर में बढ़ोतरी का प्रस्ताव है. यह दर 8.40 रुपये प्रति यूनिट हो सकती है. यह बहुत अधिक हो जाएगा.
उन्होंने बिजली दरों में बढ़ोतरी नहीं करने का अनुरोध किया. मेट्रो से लाखों लोग सफर करते हैं. यह पर्यावरण के अनुकूल है. डीएमआरसी ने बिजली निगम में जमा 12 करोड़ की सुरक्षा राशि को बैंक गारंटी में तब्दील करने की मांग की.
अलग स्लैब बनाने की वकालत एनसीआरटीसी की ओर से अतुल कुमार और सतीश मौर्य ने अपनी बात रखी. दिल्ली-मेरठ के बीच जल्द ही हाई स्पीड रेल चलेगी. यही कंपनी इस रेल का संचालन करेगी. कंपनी की ओर से कहा गया कि वह सुरक्षित और आरामदायक सफर कराएंगे. यह सफर पर्यावरण के अनुकूल रहेगा. इस सुविधा के शुरू होने से सड़कों पर वाहनों का दबाव कम होगा. ऐसे में हाई स्पीड रेल के लिए बिजली दरों में बढ़ोतरी ठीक नहीं है. उन्होंने इसके लिए अलग स्लैब बनाने की वकालत की.
कंपनियों पर उपभोक्ताओं का पैसा सर प्लस वर्मा उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि उपभोक्ताओं का बिजली कंपनियों पर 25133 करोड़ रुपये सर प्लस है. हिसाब बराबर करने के लिए अगले पांच वर्षों तक सात प्रतिशत की कमी होनी चाहिए. पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम में आज भी 50 करोड़ रुपये से अधिक की बिजली चोरी हर महीने होती है. उन्होंने कहा कि ऑटोमोबाइल शोरूम, सर्विस सेंटर कमर्शियल के बजाय औद्योगिक में चल रहे हैं. वर्मा ने कहा कि एनपीसीएल पर उपभोक्ताओं का 2000 करोड़ रुपये से ज्यादा सर प्लस है. ऐसे में वहां की बिजली दरें अगले एक वर्ष तक जीरो की जाएं.
● प्राधिकरण के अधीन आने वाले गांवों को ग्रामीण क्षेत्र का लाभ मिलना चाहिए.
● नोएडा-ग्रेनो में डूब क्षेत्र में किसानों को ट‘यूबवेल का कनेक्शन नहीं मिलता.
● उद्यमियों ने निर्बाध बिजली की मांग की, ट्रिपिंग होने पर होता है अधिक नुकसान.
● लोगों ने बिजली की दर वन नेशन, वन रेट करने की मांग की.
● सिंगल प्वाइंट से मल्टी प्वाइंट कनेक्शन होने में आ रही खामियां दूर की जाएं.
यात्रियों पर पड़ सकता है बोझ:
अगर मेट्रो और हाईस्पीड रेल के लिए दी जाने वाली बिजली की दरों में इजाफा होता है तो इसका किराया भी बढ़ाया जा सकता है. यह भार इसमें सफर करने वाले लोगों को पर पड़ेगा. किराया अधिक होगा तो लोग अन्य विकल्पों का प्रयोग करेंगे. दूसरे विकल्पों से पर्यावरण अधिक दूषित होता है.