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दिल्ली-एनसीआर
वीकेंड कर्फ्यू के बाद आज से खुल जाएंगे दिल्ली के बाजार, पर रहेंगी कई पाबंदियां बरकरार
Renuka Sahu
17 Jan 2022 1:28 AM GMT
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फाइल फोटो
वीकेंड कर्फ्यू के बाद सोमवार से एक बार फिर दिल्ली के बाजार गुलजार होंगे। ऑड-ईवन आधार पर दुकानें खुलेंगी।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। वीकेंड कर्फ्यू के बाद सोमवार से एक बार फिर दिल्ली के बाजार गुलजार होंगे। ऑड-ईवन आधार पर दुकानें खुलेंगी। व्यापारियों व ग्राहकों की आवाजाही फिर सोमवार से शुक्रवार तक होगी। सोमवार को वैसे भी बाजार खुलेंगे जो अमूमन इस दिन बंद रहते हैं। इनमें मुख्य रूप से करोल बाग, कमला नगर, किंग्सवें कैंप समेत अन्य बाजार शामिल है। हालांकि कोविड संक्रमण के प्रसार की वजह से अन्य राज्यों से आने वाले व्यापारियों की संख्या काफी कम हो गई है।
सोमवार से ऑड-इवन आधार पर दिल्ली के थोक व खुदरा बाजार शुक्रवार तक खुल जाएंगे। शराब के शौकीन लोगों के लिए शराब की दुकाने भी खुलेंगी। हालांकि शनिवार व रविवार को शराब की दुकानें बंद होने की वजह से सोमवार को भीड़ बढ़ेगी और समाजिक दूरी का पालन संभव नहीं हो पाएगा।
महीनें में महज दस दिन ही खुल रही हैं दुकानें
कहने को तो सिर्फ शनिवार व रविवार को ही दुकानों को बंद करने का निर्देश है, लेकिन ऑड-ईवन की वजह से सभी दुकानें नहीं खुल रही हैं। व्यापारियों का कहना है कि सप्ताह में दो-तीन दिन ही दुकानें खुल रही हैं। करोल बाग के व्यापारी गुरमीत अरोड़ा ने बताया कि व्यापार तो जीरो हो गया है। ऑड-ईवन की वजह से सप्ताह मे कोई दुकान दो दिन खुल रही है तो कोई तीन दिन। इस तरह से महीने में दस दिन से ज्यादा खोलने की अनुमति नहीं है।
होलसेल व्यापार भी हो रहा प्रभावित
खुदरा व्यापार के साथ दिल्ली का होलसेल व्यापार भी प्रभावित हो रहा है। बाहरी राज्यों से आने वाले व्यापारियों की संख्या कम होने की वजह से थोक बाजार की बिक्री घट गई है। करोल बाग मार्केट एसोसिएशन के अध्यक्ष मुरली मनी व गांधी बाजार मार्केट एसोसिएशन के केके बल्ली का कहना है कि कोविड संक्रमण की वजह से अन्य राज्यों से आने वाले व्यापारियों की संख्या कम हो गई है। व्यापारी आते भी हैं तो ऑड-ईवन के अनुसार दुकान खुलने की वजह से किसी अन्य दुकान से खरीदारी कर लेते हैं। ऐसे में पुराने ग्राहक भी टूट रहे हैं।
सदर बाजार ट्रेडर्स एसोसिएशन के परमजीत सिंह पम्मा का कहना है कि सामाजिक दूरी का पालन कराने की जिम्मेदारी प्रशासन की है लेकिन खामियाजा व्यापारियों को उठाना पड़ता है।
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