दिल्ली-एनसीआर

दिल्ली हाईकोर्ट का शराब की बोतल पर स्वास्थ्य चेतावनी से जुड़ी याचिका पर फिलहाल नोटिस जारी करने से इनकार

Renuka Sahu
5 March 2022 4:42 AM GMT
दिल्ली हाईकोर्ट का शराब की बोतल पर स्वास्थ्य चेतावनी से जुड़ी याचिका पर फिलहाल नोटिस जारी करने से इनकार
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फाइल फोटो 

दिल्ली हाईकोर्ट ने शुक्रवार को उस याचिका पर फिलहाल नोटिस जारी करने से इनकार कर दिया जिसमें शराब की बोतल और पैकेट पर स्वास्थ्य चेतावनी प्रकाशित करने के लिए सरकार को निर्देश देने की मांग की गई थी।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। दिल्ली हाईकोर्ट ने शुक्रवार को उस याचिका पर फिलहाल नोटिस जारी करने से इनकार कर दिया जिसमें शराब की बोतल और पैकेट पर स्वास्थ्य चेतावनी प्रकाशित करने के लिए सरकार को निर्देश देने की मांग की गई थी। याचिका में सिगरेट के पैकेट की तरह ही शराब के संबंध में स्वास्थ्य चेतावनी जारी करने का अनुरोध किया गया है। हाईकोर्ट ने पाया कि याचिकाकर्ता दैनिक आधार पर बहुत अधिक याचिकाएं दायर करता रहा है।

चीफ जस्टिस डीएन पटेल और जस्टिस नीना बंसल कृष्ण की बेंच ने मामले को 4 जुलाई तक के लिए स्थगित कर दिया। बेंच ने कहा कि याची की सभी याचिकाओं को एकत्र किया जाएग और इसके बाद अदालत देखेगी कि क्या करना है।
अदालत याचिकाकर्ता और वकील अश्विनी कुमार उपाध्याय की याचिका पर सुनवाई कर रही थी। उपध्याय ने अपनी याचिका में अदालत से दिल्ली सरकार को यह निर्देश देने का अनुरोध किया है कि वह हानिकारक पेय और मादक पदार्थ के उपभोग, वितरण और उत्पादन पर प्रतिबंध लगाए या उसे नियंत्रित करे। याचिका में स्वास्थ्य अधिकार को लेकर संविधान के अनुच्छेद 21 का हवाला दिया गया है।
अदालत ने कहा कि हम नोटिस जारी नहीं कर रहे हैं। दूसरे पक्ष के वकील उपाध्याय द्वारा दायर सभी याचिकाओं को जमा कर रहे रहें। हम अगली तारीख चार जुलाई को देखेंगे कि क्या किया जाना है। आपकी दराज आदि में कितनी याचिकाएं हैं। प्रतिदिन आप याचिका दायर कर रहे हैं। आप लोग रोजाना जनहित याचिका दायर कर रहे हैं, क्या आपके पास कुछ और है।
याचिका पर हाईकोर्ट ने कहा कि शराब की बोतल पर चेतावनी का सवाल ही कहां है? कोई सवाल नहीं है। याचिका में अधिकारियों को इलेक्ट्रॉनिक, प्रिंट और सोशल मीडिया के माध्यम से नशीले पेय से जुड़े स्वास्थ्य और पर्यावरण खतरे का विज्ञापन करने का निर्देश देने की मांग की गई है, ताकि नागरिकों के जानने का अधिकार, सूचना का अधिकार और स्वास्थ्य का अधिकार सुनिश्चित किया जा सके।
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