दिल्ली-एनसीआर

धार्मिक ढांचों के रूप में सड़कों पर अतिक्रमण को लेकर दिल्ली हाई कोर्ट का आदेश, सख्ती दिखाए सरकार

Renuka Sahu
18 May 2022 4:03 AM GMT
Delhi High Court order regarding encroachment on roads in the form of religious structures, government should show strictness
x

फाइल फोटो 

राजधानी में सड़कों के किनारे और कई जगहों पर बीच में अवैध तरीके से बड़े पैमाने पर धार्मिक ढांचा बनाए जाने पर उच्च न्यायालय ने मंगलवार को चिंता व्यक्त की है।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। राजधानी में सड़कों के किनारे और कई जगहों पर बीच में अवैध तरीके से बड़े पैमाने पर धार्मिक ढांचा बनाए जाने पर उच्च न्यायालय ने मंगलवार को चिंता व्यक्त की है। न्यायालय ने सरकार और संबंधित प्राधिकार से कहा कि ऐसे ढांचों के खिलाफ कठोर कदम उठाने होंगे।

कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति नवीन चावला की खंडपीठ ने सरकार से कहा कि यह गंभीर चिंता का विषय है। पीठ ने कहा कि यदि सड़कों के बीच में इस तरह से अवैध तरीके से चीजें आ रही हैं, तो सभ्य समाज कैसे बचेगा? पीठ ने कहा कि आपको (सरकार) एक संदेश देना होगा और स्पष्ट कड़ा संदेश देना होगा कि इस तरह की चीजों ( सड़कों पर अवैध निर्मित धार्मिक ढांचों) को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इसमें अतिक्रमण करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का संदेश होगा।
पीठ ने यह टिप्पणी राजधानी की सड़कों पर अवैध धार्मिक ढांचों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर दाखिल याचिका पर सुनवाई के दौरान की है। यह याचिका अधिवक्ता एस.डी. विमलेश की ओर से दाखिल की गई है। उन्होंने उत्तर-पूर्वी दिल्ली के भजनपुरा इलाके में सड़कों के बीच में अतिक्रमण और धार्मिक संरचनाओं के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
याचिका में कहा गया है कि इस तरह के अतिक्रमण से यातायात बाधित होता है और लोगों को परेशानियां होती हैं। पीठ ने कहा कि 'हम यह समझ नहीं पा रहे हैं कि इस तरह के मसलों पर राज्य (सरकार) कैसे मूक दर्शक बन सकता है। पीठ ने कहा है कि हमारे विचार से, राज्य को ऐसे मामलों में एक स्पष्ट, निश्चित और दृढ़ रुख अपनाना चाहिए और अतिक्रमण करने वालों को संदेश देने के लिए कड़ा रुख अपनाना चाहिए कि इस तरह के अतिक्रमण को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
सरकार को सख्त संदेश देना होगा
पीठ ने कहा कि सरकार को यह संदेश देना होगा कि जैसे ही कोई भी इस तरह का अतिक्रमण करेगा और इस तरह के ढांचे खड़ा करेगा, उनके खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी। न्यायालय ने सड़कों से अवैध धार्मिक ढांचे को हटाने की मांग को लेकर दिल्ली सरकार, नगर निगम सहित सभी पक्षकारों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। मामले की अगली सुनवाई 16 नवंबर को होगी।
Next Story