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दिल्ली: स्पा सेंटरों पर रोक लगाने के सरकार के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर हुई सुनवाई

Admin Delhi 1
6 April 2022 7:03 AM GMT
दिल्ली: स्पा सेंटरों पर रोक लगाने के सरकार के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर हुई सुनवाई
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दिल्ली न्यूज़: दिल्ली हाई कोर्ट ने क्रास-जेंडर मसाज सेवा देने वाले स्पा सेंटरों पर रोक लगाने के दिल्ली सरकार के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली के तीन नगर निगमों से पूछा है कि वे बताएं कि उनके इलाके में कितने स्पा सेंटर के पास वैध लाइसेंस हैं. मंगलवार (Tuesday) को जस्टिस यशवंत वर्मा ने यह आदेश दिया है. अब इस मामले की अगली सुनवाई 30 अगस्त को होगी. याचिका कुछ स्पा सेंटर्स ने दायर किया है. याचिका में क्रास-जेंडर मसाज सेवा देनेवाले स्पा सेंटरों पर रोक लगाने के दिल्ली सरकार के आदेश को चुनौती दी गई है. याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने दिसंबर 2021 में दिल्ली सरकार के आदेश पर अंतरिम रोक लगा दिया था. हाईकोर्ट ने कहा था कि क्रास-जेंडर मसाज सेवा देने और वेश्यावृति को रोकने में कोई संबंध नहीं है. अगर इन स्पा सेंटर्स को अचानक रोका गया तो इससे वहां काम करनेवाले लोगों की रोजी-रोटी पर असर पड़ेगा. कोर्ट ने नगर निगमों और दिल्ली पुलिस (Police) से कहा था कि उन्हें अनाधिकृत स्पा सेंटर्स पर लगाम लगाने के लिए कदम उठाना चाहिए.

कोर्ट ने कहा कि दिल्ली में करीब पांच हजार स्पा सेंटर्स हैं जबकि तीनों नगर निगमों ने करीब चार सौ को ही लाईसेंस जारी किया है. नगर निगम और दिल्ली पुलिस (Police) अनाधिकृत स्पा सेंटर्स पर रोक लगाने में नाकाम है. ऐसे में सभी स्पा सेंटर्स का लाईसेंस निलंबित करना सही नहीं है. सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार की ओर से वरिष्ठ वकील राहुल मेहरा ने कहा था कि क्रास-जेंडर स्पा सेंटर्स को बंद करने का फैसला महिलाओं और बच्चों को वेश्यावृति से बचाने के लिए किया गया है. उन्होंने कहा कि दिल्ली महिला आयोग ने इस मामले में शोध कर पाया था कि दिल्ली में चल रहे स्पा सेंटर्स वेश्यावृति केंद्र के रुप में परिवर्तित हो गए हैं. सुनवाई के दौरान दिल्ली महिला आयोग और नगर निगमों ने भी क्रास-जेंडर स्पा सेंटर्स को बंद करने का बचाव किया.


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