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दिल्ली: आशीष मिश्रा की जमानत पर सुनवाई टली, अब 4 अप्रैल को होगी सुनवाई

Admin Delhi 1
30 March 2022 8:15 AM GMT
दिल्ली: आशीष मिश्रा की जमानत पर सुनवाई टली, अब 4 अप्रैल को होगी सुनवाई
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दिल्ली: लखीमपुर खीरी कांड के आरोपी आशीष मिश्रा की जमानत रद्द करने की मांग पर सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई टाल दी गई। अब 4 अप्रैल को मामले में सुनवाई होगी। 4 अप्रैल तक सभी पक्षों को SIT की रिपोर्ट पर अपना जवाब दाखिल करना है। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने 30 मार्च को सुनवाई की तय की थी, जो अब 4 अप्रैल को होगी। हिंसा में मारे गए किसान के परिवार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है। जिसमें याची के वकील प्रशांत भूषण ने सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि आशीष को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जमानत दी थी। जमानत देने का हाईकोर्ट का आदेश अपराध की गंभीरता के हिसाब से गलत है। आशीष मिश्रा की जमानत खारिज कर उसे फिर से जेल भेजे जाने की मांग सुप्रीम कोर्ट से की है।

कल मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा को लखीमपुर खीरी हिंसा के संबंध में जमानत देने के फैसले को चुनौती देने का मामला संबंधित प्राधिकारियों के समक्ष विचाराधीन है। इस हिंसा में चार किसानों सहित आठ लोग मारे गए थे। लखीमपुर खीरी हिंसा के पीड़ितों के परिवार के सदस्यों की अपील पर दाखिल अपने जवाबी हलफनामे में राज्य सरकार ने कहा कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश के साथ-साथ उसके जवाबी हलफनामे से यह प्रदर्शित होगा कि उसने मिश्रा की जमानत अर्जी का पुरजोर विरोध किया है। उसने कहा, "यह स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि प्रतिवादी नंबर 1 (आशीष मिश्रा) के जमानत आवेदन का राज्य ने कड़ा विरोध किया था, और विशेष अनुमति याचिका (एसएलपी) में इसके विपरीत कोई भी कथन पूरी तरह से गलत है और खारिज करने योग्य है। इसके अलावा, 10 फरवरी, 2022 का आक्षेपित आदेश, उसी के खिलाफ सीमा अवधि अभी भी चल रही है, और उसके खिलाफ एसएलपी दायर करने का निर्णय संबंधित अधिकारियों के समक्ष विचाराधीन है।"

राज्य सरकार ने कहा कि 10 मार्च की घटना, जिसमें लखीमपुर हिंसा मामले में एक गवाह को कुछ बदमाशों ने पीटा था, जिसके परिणामस्वरूप मामला दर्ज किया गया था, उसे 3 अक्टूबर 2021 की किसान की मौत के साथ जोड़ने करने की मांग की गई है। उसने कहा, "इस संबंध में, यह प्रतिवेदित किया जाता है कि 10 मार्च, 2022 की उक्त घटना और मामला अपराध संख्या… की जांच से पता चला है कि यह तीन अक्टूबर, 2021 की घटना से संबंधित एफआईआर से बिल्कुल भी संबंधित नहीं है।"

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