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दिल्ली: सरकार होलम्बी कलां में 21 एकड़ में देश का पहला ई-कचरा इको पार्क बनाएगी

Admin Delhi 1
5 April 2022 7:33 AM GMT
दिल्ली: सरकार होलम्बी कलां में 21 एकड़ में देश का पहला ई-कचरा इको पार्क बनाएगी
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दिल्ली न्यूज़: इलेक्ट्रॉनिक सामानों के बढ़ते उपयोग को देखते हुए दिल्ली सरकार उत्तर-पश्चिमी दिल्ली के होलम्बी कलां में देश का पहला ई-कचरा इको पार्क बनाएगी। दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) ने होलम्बी कलां में इस पार्क के लिए 21 एकड़ जमीन देने पर सहमति जता दी है। यहां इलेक्ट्रॉनिक कचरे का वैज्ञानिक तरीके से निपटारा किया जाएगा। इसके लिए जल्द ही एक सलाहकार नियुक्त किया जाएगा। दिल्ली सरकार ने देशभर में इस परियोजना को सबसे पहले शुरू किया है। किसी अन्य राज्य ने अब तक इस पर काम करना शुरू नहीं किया है। इको पार्क को 30 अक्तूबर 2023 तक तैयार करने का लक्ष्य तय किया गया है।

दिल्ली सरकार के पर्यावरण विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि प्रौद्योगिकी के बढ़ते उपयोग के साथ ई-कचरा भी बढ़ रहा है। अकेले दिल्ली में हर साल दो लाख टन ई-कचरा निकलता है। दिल्ली ही नहीं देशभर में अभी तक इसके निपटारे को लेकर कोई संगठित उपक्रम नहीं है। गैर-संगठित क्षेत्र इसके निपटारे का काम करता है। अब पार्क बन जाने से दिल्ली में ई-कचरा का वैज्ञानिक तरीके से निपटारा हो सकेगा, जिससे पर्यावरण को कम से कम नुकसान होगा। अभी ई-कचरे का निपटारा जैसे होता है, वह स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाता है। इससे आग लगने जैसी घटनाएं भी होती हैं, जिन्हें नियंत्रित करना मुश्किल होता है। इसलिए राज्य सरकार ने राजधानी में देश का सबसे बड़ा इको पार्क बनाने की तैयारी तेज कर दी है।

12 जोन में बांटकर ई-कचरा संग्रह केंद्र बनेगा: दिल्ली के हर इलाके से निकलने वाला ई-कचरा इको पार्क तक ही पहुंचे, इसके लिए नेटवर्क तैयार किया जाएगा। इसके लिए दिल्ली को 12 जोन में बांटकर ई-कचरा संग्रह केंद्र बनाया जाएगा। वहां लोग अपना ई-कचरा जमा कर सकेंगे। वहीं से उसे सीधे ई-कचरा इको पार्क तक ले जाया जाएगा। इससे पर्यावरणीय रूप से सुरक्षित व्यवस्था बनेगी। ई-कचरा पार्क अनौपचारिक क्षेत्र में ऑपरेटरों को औपचारिक पुनर्चक्रण के रूप में तैयार करने के लिए बुनियादी ढांचा, प्रशिक्षण और उपकरण प्रदान करेगा।

ऐसे काम करेगा ई-कचरा इको पार्क: इको पार्क में संग्रह,भंडारण,वर्गीकरण से लेकर रिसाइकिलिंग की प्रक्रिया पर्यावरण और स्वास्थ्य को ध्यान में रखकर किया जाएगा। इको पार्क में सभी प्रकार की प्रसंस्करण और पुनर्चक्रण इकाइयां होंगी, जिससे भविष्य में उत्पादन के लिए सामग्री निकाली जा सके। इको-पार्क में कचरे का पुनर्चक्रण, नवीनीकरण और निस्तारण वैज्ञानिक और पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए सुरक्षित तरीके से किया जाएगा।

औद्योगिक कचरे के निपटारे के लिए लैंडफिल तैयार: बवाना इलाके में दिल्ली की पहली सुरक्षित लैंडफिल साइट (एसएलएफ) बनकर तैयार हो गई है। यहां पर ट्रीटमेंट,स्टोरेज, डिस्पोजल फैसेलिटी (टीएसडीएफ) संयंत्र भी लगाया गया है, जहां खतरनाक औद्योगिक कचरे का निस्तारण होगा। खास बात यह कि कचरे का निस्तारण भी जल व वायु प्रदूषण की रोकथाम के साथ होगा। यहां रिसाइकिलिंग की व्यवस्था भी रहेगी। दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) की ओर से इसके संचालन के लिए चार साल का सहमति पत्र भी जारी कर दिया है, जबकि केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय का अनापत्ति प्रमाण पत्र पहले ही मिल गया है। संभावना है कि बहुत ही जल्द यह लैंडफिल साइट एवं संयंत्र चालू हो जाएगा। राजधानी में प्रतिवर्ष 2,944,68 मीट्रिक टन की दर से खतरनाक औद्योगिक कचरा निकलता है। इस कचरे की उत्पत्ति का स्रोत 2,026 औद्योगिक इकाइयों को बताया गया है। यह वो कचरा है जो कामन इफ्यूलेंट ट्रीटमेंट प्लांट (सीईटीपी) के जरिए औद्योगिक इकाइयों के प्रदूषित जल का शोधन करने के बाद निकलता है।

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