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दिल्ली सरकार ने 316 पेड़ों को हटाने की इजाजत देने से किया इंकार, रखी ये ख़ास शर्त
दिल्ली न्यूज़: दिल्ली सरकार ने बेशक पेड़ हटाने की इजाजत देकर जनकपुरी पश्चिम (वेस्ट) से आरके आश्रम के बीच मेट्रो निर्माण का रास्ता साफ कर दिया है। 316 पेड़ों को हटाने की इजाजत देने के साथ ही दिल्ली सरकार ने स्पष्ट कहा कि पेड़ों पर अगर पक्षियों का घोंसला पाया जाता है, तो उसे तब तक काटने या प्रत्यारोपित करने की अनुमति नहीं होगी, जब तक पक्षी अपना नया बसेरा नहीं बना लेता। दिल्ली सरकार ने डीएमआरसी को निर्देश दिया है कि प्रत्यारोपण की शर्तें पूरी करने के बाद तत्काल इस दिशा में पहल करते हुए छह महीने के अंदर इस कार्य को पूरा करें। पेड़ों की निगरानी से संबंधित रिपोर्ट भी वन अधिकारी को सौंपनी होगा। पेड़ों की कटाई के 90 दिन के अंदर टहनियों को नजदीकी श्मशान पर निशुल्क पहुंचाना होगा। इस पर आने वाले खर्च का वहन भी डीएमआरसी करेगी। दिल्ली सरकार ने इस परियोजना के लिए पौधरोपण नीति-2020 का ईमानदारी से पालन करते हुए नियमित तौर पर प्रगति रिपोर्ट जमा करने को कहा है। डीएमआरसी को यह भी सुनिश्चित करना होगा कि अगर कोई प्रत्यारोपित पेड़ जीवित नहीं रहता है तो उसके बदले में 15 फीट लंबा और 6 इंच मोटा देसी प्रजाति के 5 पेड़ लगाने होंगे।
इस कॉरिडोर में होंगे तीन हिस्से: इस कॉरिडोर पर कुल तीन हिस्से होंगे। एक हिस्सा में जनकपुरी से कृष्णा पार्क तक अंडरग्रांड, जबकि कृष्णा पार्क से अशोक विहार तक एलिवेटेड कॉरिडोर का निर्माण किया जाएगा। अशोक विहार से डेरावल नगर-आरके आश्रम तक अंडरग्राउंड कॉरिडोर बनाया जाना है। डेरावल नगर के नजदीक गुरुद्वारा नानकदेव के पास स्माइल खां पार्क के पास मेट्रो कॉरिडोर के दायरे में 316 पेड़ आ रहे हैं। पेड़ों की वजह से कॉरिडोर के निर्माण का काम रुका है। मुख्यमंत्री ने नई मेट्रो लाइन के महत्व और आम जन के हितों के मद्देनजर पेड़ों को हटाने की स्वीकृति दे दी है।
डीएमआरसी लगाएगा 3160 नए पेड़, 58 फीसदी होंगे प्रत्यारोपित: दिल्ली सरकार ने एजेंसी को पेड़ों की कटाई और प्रत्यारोपण के बदले अनिवार्य रूप से 10 गुना पेड़ लगाने को कहा है। इसके तहत डीएमआरसी अब साइट पर 58 फीसदी पेड़ों को ट्रांसप्लांट करने सहित 3,160 नए पेड़ पौधे भी लगाएगा। यह सभी 3,160 पेड़ अलग-अलग चिह्नित जगहों पर अनुमति मिलने की तारीख से 3 महीने के अंदर लगाने होंगे। सात वर्षों तक पेड़ों के रखरखाव की भी जिम्मेवारी डीएमआरसी की होगी। दिल्ली सरकार की ओर से अनुमोदित प्रस्ताव के मुुताबिक पेड़ों को काटने और प्रत्यारोपित करने के बदले चिह्नित जगहों की मिट्टी और जलवायु के अनुकूल पेड़ लगाए जाएंगे। इनमें नीम, अमलतास, पीपल, पिलखान, गूलर, बरगद, देशी किकर और अर्जुन समेत दूसरी प्रजाति के पौधे भी शामिल हैं। गैर-वन भूमि पर 6-8 फीट ऊंचाई के पौधे लगाए जाएंगे।