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दिल्ली सरकार ने उठाया मुद्दा: नजफगढ़ वाले नाले को हरियाणा का केमिकल वाला पानी कर रहा हैं प्रदूषित

Admin Delhi 1
10 July 2022 4:55 AM GMT
दिल्ली सरकार ने उठाया मुद्दा: नजफगढ़ वाले नाले को हरियाणा का केमिकल वाला पानी कर रहा हैं प्रदूषित
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दिल्ली न्यूज़: उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने कल (शनिवार) को जयपुर में हो हुई उत्तरी क्षेत्रीय परिषद की 30वीं बैठक में हरियाणा से आने वाले प्रदूषित पानी का मुद्दा उठाया और कहा कि हरियाणा के तीन नाले नजफगढ़ नाले में आकर गिरते हैं जो नजफगढ़ नाले को और प्रदूषित कर रहे हैं। यही प्रदूषित पानी यमुना में गिर रहा है। उपराज्यपाल ने राजधानी के वायु प्रदूषण व जल प्रदूषण पर फोकस किया। वहीं उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने इससे संबंधित पूरे डेटा को अंतरराज्यीय परिषद के सामने रखा और कहा कि वर्तमान में औद्योगिक व केमिकल एफ्यूलेंट वाला 5,000 क्यूसेक पानी हरियाणा से आता है और नजफगढ़ नाले में मिलता है। इसके साथ ही इतना ही पानी दिल्ली के अलग-अलग नालों से नजफगढ़ नाले में मिलता है और करीब 10,000 क्यूसेक गंदा पानी नजफगढ़ नाले में जा रहा है। इसे गंभीरता से लेते हुए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला की अध्यक्षता में एक समिति बनाने का निर्णय लिया और इस मुद्दे को जल्द सुलझाने का निर्देश दिया है। दिल्ली की ओर से उपराज्यपाल वीके सक्सेना और उपमुख्यमंत्री सिसोदिया बैठक में शामिल हुए।

बैठक के बाद उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने ट्वीट किया कि गृहमंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में उत्तरी क्षेत्रीय परिषद की 30 वीं बैठक में यमुना, वायु और जल प्रदूषण, सुरक्षा व आगामी जी-20 शिखर सम्मेलन जैसे मुद्दों को उठाया गया, जिसमें अंतरराज्यीय समन्वय की आवश्यकता है। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा से आने वाले औद्योगिक व केमिकल एफ्यूलेंट की मात्रा बहुत ज्यादा है और अगर इसे नहीं रोका गया तो दिल्ली व उत्तर प्रदेश को लगातार नुकसान उठाना पड़ेगा। पानी की कमी का मुद्दा भी उठाया गया। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली सरकार जल्द नजफगढ़ नाले में दिल्ली से जा रहे गंदे पानी को सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट के जरिए ट्रीट करके नजफगढ़ नाले में डालने वाली है, लेकिन जब तक हरियाणा से आने वाला केमिकल और औद्योगिक कचरा युक्त पानी बिना ट्रीट किए नजफगढ़ नाले में भेजा जाएगा, तब तक इस नाले की सफाई संभव नहीं हो पाएगा और इसका खामियाजा दिल्ली और उत्तर प्रदेश को उठाते रहना पड़ेगा। सिसोदिया ने उत्तरी क्षेत्रीय परिषद के सामने प्रस्ताव रखा कि या तो हरियाणा औद्योगिक अपशिष्ट युक्त 5,000 क्यूसेक पानी को ट्रीट करके अपने स्तर पर ही इस्तेमाल करे अथवा ट्रीट कर नजफगढ़ नाले में छोड़े। उपमुख्यमंत्री ने उपराज्यपाल द्वारा दिए गए एक अन्य प्रस्ताव का भी समर्थन किया, जिसमें नजफगढ़ नाले के समानांतर एक दूसरे नाले को बनाने की बात कही गई। जिससे इस नाले के पानी को दिल्ली में लाकर वहां एक ट्रीटमेंट प्लांट बनाकर साफ कर लिया जाए और उसके बाद यमुना में छोड़ा जाए।

प्रदूषण स्तर में हो रही है कमी: बैठक में दिल्ली ने प्रदूषण पर अपनी रखी बात रखी और कहा कि दिल्ली सरकार के प्रयास से प्रदूषण स्तर में कमी की जा रही है। ई-वाहनों को बढ़ावा दिया जा रहा है। 2025 तक ई-वाहनों की संख्या 25 प्रतिशत करने का लक्ष्य रखा गया है। बैठक में इस बात तक चिंता जताई गई कि एनसीआर में यदि डीजल वाहन ऐसे ही चलते रहे तो दिल्ली को प्रदुषण मुक्त करना कठिन होगा। दिल्ली ने सुझाव दिया कि पड़ोसी राज्यों के सार्वजनिक परिवहन को ई-व्हीकल या सीएनजी में बदला जाना चाहिए।

तेज हो रेणुका डैम का काम: बैठक में रेणुका डैम के निर्माण कार्य में तेजी लाने की मांग उठाई गई और अनुरोध किया गया कि रेणुका डैम में इकट्ठा होने वाले पानी में से दिल्ली को मिलने वाले पानी की मात्रा अभी से तय कर कर ली जाए। काउंसिल से अनुरोध किया गया कि बांध बनने में अभी समय है लेकिन बांध बनने के बाद पहले दिन से ही दिल्ली को प्राथमिकता के आधार पर उसके हिस्से का पानी मिलने लगे। इस पर सहमति जताते हुए गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि इस मुद्दे पर भी अधिकारियों की एक समिति बने। बता दें कि दिल्ली सरकार ने रेणुका डैम बनाने में साझेदारी के तहत 214 करोड़ रुपए दिए हैं। इसके अतिरिक्त उत्तराखंड में बन रहे लखावर बांध और किसाऊ बांध को बनाने में दिल्ली सरकार सहयोग दे रही है।

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