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दिल्ली सरकार ने सभी अस्पतालों को अलर्ट मोड में रहने के दिए निर्देश
दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी में कोरोना के बढ़ते मामलों के मद्देनजर दिल्ली सरकार ने सभी अस्पतालों को अलर्ट मोड में रहने के निर्देश दिए हैं। सरकार ने कोरोना के प्रसार को रोकने के लिए टेस्ट, ट्रेस व ट्रीट के नियम को सख्ती से लागू करने के लिए कहा है। जरूरत पड़ने पर आरटी-पीसीआर टेस्टिंग की संख्या भी बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि कोरोना पर हम नजर रखे हुए हैं। अस्पतालों में भर्ती नहीं बढ़ रहा है। इसलिए घबराने की कोई जरूरत नहीं है। मुख्यमंत्री ने कहा कि अभी किसी भी तरह की चिंता करने की बात नहीं है। वहीं, स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि कोरोना संक्रमण से निपटने के लिए सरकार पूरी तरह तैयार है। उन्होंने कहा कि सरकार कोई भी जोखिम मोल नहीं लेना चाहती। इसलिए हमने अपने हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर को पहले ही पूरी तरह से दुरुस्त कर लिया है। उन्होंने लोगों से जल्द से जल्द कोरोना का टीका लगवाने की अपील करते हुए कहा कि इलाज से बेहतर रोकथाम है। उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने अभी तक टीका नहीं लिया है या केवल पहली खुराक ली है, उन्हें पूर्ण टीकाकरण के लिए जल्द से जल्द अपने नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में जाना चाहिए। बता दें कि राजधानी में कोरोना संक्रमण दर एक सप्ताह में 0.5 प्रतिशत से बढ़कर 2.7 प्रतिशत हो गई है।
65 हजार बेड तैयार कर रही सरकार: दिल्ली सरकार ने अधिकारियों को कोरोना वायरस के नए स्वरूप को लेकर निगरानी रखने व सतर्कता बढ़ाने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री के आदेश पर राजधानी में करीब 37 हजार कोविड बेड और 10,594 कोविड आईसीयू बेड तैयार किए जा चुके हैं। अगर कोरोना संक्रमण फैलता है तो सरकार की तरफ से दो हफ्ते के अंदर राजधानी के हर वार्ड में 100 ऑक्सीजन बेड बढ़ाने की योजना बनाई है। ऐसे में सरकार की योजना 65 हजार बेड तैयार करने की है, ताकि इमरजेंसी में किसी भी व्यक्ति को बेड की कमी से न जूझना पड़े।
मामले बढ़े तो होम आइसोलेशन सिस्टम होगा लागू: कोरोना महामारी की पिछली तीन लहरों के दौरान होम आइसोलेशन सिस्टम मरीजों के लिए फायदेमंद साबित हुआ था। इसी के मद्देनजर अगर फिर से मामले बढ़े तो होम आइसोलेशन सिस्टम को लागू किया जाएगा। हल्के कोरोना लक्षणों वाले मरीजों को घर पर ही उपचार मिलेगा। इस दौरान सरकार की टीमें मरीजों के स्वास्थ्य का आकलन करेंगी और ऑक्सीमीटर के साथ होम आइसोलेशन किट मुहैया कराएंगी। टेली-कॉलर टीमें सुबह और शाम फोन कर मरीज की स्वास्थ्य संबंधी जानकारी लेंगी। मरीजों की हालत गंभीर होने पर उन्हें तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया जाएगा।
ऑक्सीजन क्षमता में किया इजाफा
-दिल्ली सरकार के पास लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन स्टोरेज (एलएमओ), लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन बफर व पीएसए प्लांट समेत 1363.73 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की क्षमता है।
-मेडिकल संस्थानों के पास 217 मीट्रिक टन तक ऑक्सीजन सिलेंडर की क्षमता है।
-इसके अलावा इमरजेंसी में इस्तेमाल के लिए 6,000 डी टाइप के सिलेंडर रिजर्व में रखे गए हैं।
-पहले राजधानी में एक दिन में ऑक्सीजन रिफिलिंग क्षमता 1,500 सिलेंडर तक ही सीमित थी, लेकिन अब 12.5 मीट्रिक टन की क्षमता वाले 2 क्रायोजेनिक प्लांट्स हर दिन अतिरिक्त 1,400 जंबो सिलेंडरों को भरने में सक्षम होंगे।
ऑक्सीजन टैंकों में लगे टेलीमेट्री डिवाइस
-बड़े और छोटे सभी ऑक्सीजन टैंकों में टेलीमेट्री डिवाइस लगाए गए हैं।
-इससे ऑक्सीजन की रियट-टाइम मॉनिटरिंग होगी और इमरजेंसी के वक्त जरूरत के अनुसार ऑक्सीजन की आपूर्ति करने में मदद मिलेगी।
-वॉर रूम से इसकी लाइव मॉनिटरिंग की जाएगी, ताकि वक्त रहते ऑक्सीजन का इंतजाम किया जा सके।
दवाओं की कमी नहीं होने देगी सरकार: -कोविड बेड की सुविधा के अलावा पर्याप्त मात्रा में दवाओं की उपलब्धता पर भी जोर दिया जा रहा है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि किसी भी स्थिति में दवाओं की कमी न हो।
-मरीजों के इलाज में विभिन्न उपयोगी दवाओं का बफर स्टॉक सुनिश्चित किया गया है।
-आवश्यक दवाओं की उपलब्धता पर कड़ी नजर रखने के निर्देश दिए गए हैं।
विशेषज्ञ डॉक्टर भी कोविड मरीजों का करेंगे इलाज:
-सरकार कोविड प्रबंधन के लिए मैनपावर बढ़ाने पर जोर दे रही है, ताकि अगर संक्रमण की दर में तेजी आए तो डॉक्टरों,नर्सों और पैरा-मेडिकल स्टॉफ की कमी न हो।
-इसके लिए विशेषज्ञ डॉक्टरों के साथ मेडिकल छात्रों, नर्सों और पैरा-मेडिकल स्टाफ को कोविड मैनेजमेंट की विशेष ट्रनिंग दी गई है।
- इसके तहत उन्हें ऑक्सीजन थेरेपी, कोविड मैनेजमेंट व पीडियाट्रिक वार्ड कोविड मैनेजमेंट आदि की ट्रेनिंग दी गई है।
-दिल्ली सरकार के अस्पतालों को आवश्यकता के अनुसार डॉक्टरों, नर्सों और पैरा-मेडिक्स की संख्या बढ़ाने के भी निर्देश दिए गए हैं।
-कोरोना संक्रमितों की मदद के लिए एक कोविड हेल्पलाइन नंबर 1031 जारी की है। यह हेल्पलाइन लोगों की सहायता के लिए 24 घंटे उपलब्ध है।