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दिल्ली सरकार ने 14 इलेक्ट्रिक चार्जिंग स्टेशन की पहचान की
दिल्ली सरकार के परिवहन विभाग ने क्लस्टर बस डिपो में चार्जिंग स्टेशन और बैटरी स्वैपिंग लगाने के लिए एनर्जी एफिशिएंसी सर्विसेज लिमिटेड (ईईएसएल) की सहायक कंपनी कन्वर्जेंस एनर्जी सर्विसेज लिमिटेड (सीईएसएल) के साथ समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं। परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत की उपस्थिति में समझौते ज्ञापन पर पस्ताक्षर किए गए। एमओयू के अनुसार सीईएसएल अपनी लागत और खर्च पर क्लस्टर बस डिपो के स्थान पर चार्जिंग इकाइयों और संबंधित बुनियादी ढांचे की खरीद, स्थापना, संचालन और रखरखाव करेगी।
दिल्ली में 14 स्थानों पर होंगे प्वाइंट
रानी खेड़ा-एक, रानी खेडा-दो, रानी खेड़ा-तीन, राजघाट, दिलशाद गार्डन, सीमापुरी, बवाना सेक्टर-१, बवाना सेक्टर-५, कंझावला, कैर, दिचाऊं कलां, द्वारका सेक्टर-२२, रेवला खानपुर, छतरपुर
डीटीसी क्लस्टर बस डिपो के परिसर में सार्वजनिक इलेक्टि्रक वाहन चार्जिंग स्टेशनों और बैटरी स्वैपिंग स्टेशनों की स्थापना के लिए परिवहन विभाग और ईईएसएल द्वारा संयुक्त रूप से द्वारका सेक्टर-22, रेवला खानपुर और छतरपुर में अभी जगह चिंहित कर ली गई है। 14 स्थानों में से प्रत्येक में 6 चार्जिंग प्वाइंट होंगे, जिनमें से तीन प्वाइंट दो पहिया और तीन पहिया वाहनों के लिए होंगे, जबकि तीन प्वाइंट चार पहिया वाहनों के लिए होंगे। एक बार इंस्टाल हो जाने के बाद यह स्थान अपनी रियल-टाइम की स्थिति और चार्जिंग प्वाइंट की उपलब्धता के साथ दिल्ली सरकार के वन दिल्ली एप पर भी दिखाई देगा।
जगह के उपयोग के लिए शुल्क का भुगतान सीईएसएल द्वारा दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) को प्रति माह एक रुपये प्रति किलोवाट की दर से किया जाएगा। यदि उसे तीन ईसीएस (समतुल्य कार स्पेस) से अधिक स्थान की जरूरत है, तो प्रति ईसीएस प्रति माह 2000 रुपये अतिरिक्त शुल्क देना होगा। शुरूआत में अनुबंध की अवधि 10 वर्ष की होगी। एमओयू के अनुसार सीईएसएल तत्काल काम शुरू करेगी और अगले चार महीनों में सभी स्टेशनों की स्थापना का काम पूरा कर लेगी।
दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने इस मौके पर कहा कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में देश भर में दिल्ली गैर इलेक्टि्रक वाहनों को इलेक्ट्रिक वाहनों में बदलने के मार्ग पर तेजी से आगे बढ़ रही है। सीईएसएल से हुई साझेदारी के साथ-साथ हमें यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि सरकार दिल्ली में चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर और ईवी इकोसिस्टम को बढ़ाने और सुधारने के लिए डिपो में उपलब्ध भूमि का उपयोग करने का निर्णय लिया है।