दिल्ली-एनसीआर

मजदूरों के लिए दिल्ली सरकार ने सुनाया बड़ा फैसला

Renuka Sahu
2 Aug 2022 1:59 AM GMT
Delhi government has given a big decision for the laborers
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फाइल फोटो 

दिल्ली सरकार ने निर्माण श्रमिकों के लिए डॉक्टर ऑन व्हील योजना शुरू करने का फैसला किया है।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। दिल्ली सरकार ने निर्माण श्रमिकों के लिए डॉक्टर ऑन व्हील योजना शुरू करने का फैसला किया है। स्वास्थ्यकर्मियों की टीम निर्माण स्थल पर जाकर श्रमिकों की स्वास्थ्य जांच करेगी। इसके साथ ही वहां परिवार के साथ रहने वाले श्रमिकों के बच्चों की देखभाल के लिए मोबाइल क्रेच की शुरुआत भी की जाएगी।

उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की अध्यक्षता में दिल्ली निर्माण श्रमिक कल्याण बोर्ड की 39वीं बैठक में सोमवार को यह फैसला लिया गया। बैठक में निर्माण श्रमिकों के लिए चल रही 17 कल्याणकारी योजनाओं की प्रगति की समीक्षा भी की गई।
बैठक में तय हुआ कि श्रमिकों के साथ आसानी से जुड़ने के लिए बोर्ड अपनी वेबसाइट को भी अपग्रेड कर रहा है। इससे श्रमिकों को योजनाओं के बारे में आसानी से जानकारी मिल सकेगी। सिसोदिया ने कहा कि जो फैसले हुए हैं, उसे जल्द अमल में लाने का काम शुरू किया जाएगा। सरकार के मुताबिक, हर जिले में स्वास्थ्य जांच शिविर निर्माण स्थलों पर लगाई जाएगी। मां-बाप दोनों काम कर रहे होते हैं तो बच्चे अक्सर निर्माण स्थलों पर दिखाई देते हैं। क्रेच की सुविधा में उन्हें बेहतरीन डे केयर उपलब्ध कराया जाएगा।
लाभ मिला या नहीं, ऑडिट होगा
अधिकारियों ने बताया कि वर्तमान में बोर्ड के पास लेबर कार्ड बनवाने के लिए 17 लाख आवेदन आ चुके हैं। जांच के बाद सभी को लेबर कार्ड जारी किया जा रहा है। इस पर सिसोदिया ने कहा कि वह स्वतंत्र एजेंसी से सोशल ऑडिट करवाएं, जिससे पता चले कि लाभ पात्र लोगों को मिल रहा है या नहीं।
श्रमिकों को 611 करोड़ रुपये की मदद
बोर्ड की बैठक में अधिकारियों ने बताया कि डेढ़ साल में श्रमिकों को कुल 611 करोड़ रुपये की आर्थिक मदद अलग-अलग मदों में दी गई, जो इस प्रकार है...
● निर्माण बंद होने पर पंजीकृत 1.18 लाख निर्माण श्रमिकों को 118 करोड़ रुपये सहायता राशि के रूप में दिए गए।
● श्रमिकों के बच्चों को 12.35 करोड़ रुपये स्कॉलरशिप भी दी गई। इसके अलावा अलग-अलग योजनाओं में सहायता राशि दी।
● कोरोना की दूसरी लहर में 5-5 हजार के हिसाब से 3.17 लाख श्रमिकों को 158 करोड़ दिए गए।
● पिछले साल सर्दियों में प्रदूषण का स्तर बढ़ने से निर्माण कार्यों पर रोक लगा दी गई थी। इस दौरान 6.17 लाख निर्माण श्रमिकों को सरकार ने 309 करोड़ दिए।
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