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दिल्ली: फिरोज़ आलम 10 साल की जी-तोड़ मेहनत से बने कांस्टेबल से एसीपी
दिल्ली न्यूज़: कहते हैं अगर आपने कुछ बनने के सपने संजो लिए और उसे हासिल करने के लिए आप मेहनत कर रहे हैं तो सपना बहुत दिनों तक सपना नहीं हकीकत बन जाता है। ऐसा ही हुआ है दिल्ली पुलिस कांस्टेबल फिरोज आलम के साथ जो अब दिल्ली पुलिस में बतौर एसीपी है। यह नाम है बुलंद हौसलों का। कामयाबी की नई कहानी लिखने और बार-बार असफलताओं से कभी हार नहीं मानने का है। शायद यही वजह है कि जगह भी दिल्ली और ड्रेस भी खाकी, मगर कद बढ़ा हुआ है।
दरअसल, फिरोज आलम ने दिल्ली पुलिस में पद के लिहाज से एक साथ चार पदों की छलांग लगाई है। मतलब कांस्टेबल से हेड कांस्टेबल, एएसआई, एसआई, इंस्पेक्टर के बाद एसीपी बनते। चार बार प्रमोशन पाने में शायद आलम की नौकरी पूरी हो जाती, मगर फिरोज आलम अपनी मेहनत के दम पर यूपीएससी क्रेक करके कांस्टेबल से सीधा एसीपी बन गए है। दिल्ली पुलिस कांस्टेबल के पद से रिलीव होकर फिरोज आलम ने बतौर ट्रेनी एसीपी दिल्ली पुलिस फिर से ज्वाइन किया है, क्योंकि इन्हें यूपीएससी पास करने के बाद दिल्ली, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह पुलिस सेवा (दानिप्स) कैडर मिला है। जिसके तहत आलम को दिल्ली में ही बतौर एसीपी पोस्टिंग मिली है। दिल्ली पुलिस में बतौर कांस्टेबल फिरोज आलम की नौकरी का आखिरी दिन 31 मार्च 2021 था। अपने लास्ट वर्किंग डे के मौके पर फिरोज आलम ने एक भावुक खत लिखा है, जिसे अपनी फेसबुक आईडी पर शेयर किया है। पोस्ट में फिरोज आलम ने दस जून 2010 को कांस्टेबल के रूप में दिल्ली पुलिस ज्वाइन करने से लेकर अब तक का पूरा सफर बयां करते हुए दिल्ली पुलिस के साथियों व सीनियर अधिकारियों को थैंक्स भी बोला है। हालांकि कई पुलिसकर्मियों ने फिरोज आलम का फोटो सोशल मीडिया पर डालकर उन्हें रियल हीरो बताते हुए बधाई दी हैं। बता दें कि दिल्ली पुलिस के कांस्टेबल से एसीपी बनने वाले फिरोज आलम मूलरूप से यूपी के हापुड़ जिले के रहने वाले हैं। इनका गांव आजमपुर दहपा पिलखुवा कोतवाली पुलिस थाना इलाके में पड़ता है। कबाड़ी मोहम्मद शहादत व मुन्नी बानो के घर जन्मे फिरोज आलम ने 12वीं कक्षा पास करने के बाद ही 2010 में दिल्ली पुलिस में बतौर कांस्टेबल भर्ती हो गए थे। फिरोज आलम के पांच भाई व तीन बहन हैं।