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दिल्ली: बूचा नरसंहार की विदेश मंत्री एस जयशंकर ने की निंदा, स्वतंत्र जांच का समर्थन
दिल्ली: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने यूक्रेन के बूचा में हुए नरसंहार की निंदा करते हुए स्वतंत्र जांच करने की बात कही है। लोकसभा में रूस और यूक्रेन युद्ध पर भारत का पक्ष रखते हुए उन्होंने कहा कि बहुत से सांसद बूचा में हुए नरसंहार के विषय में बोले और मैं कहना चाहता हूं कि हम सभी इसकी रिपोर्ट्स से दुखी हैं। हम कठोर शब्दों में इस नरसंहार की निंदा करते हैं। ये बहुत ही गंभीर विषय है और इस मामले की स्वतंत्र जांच का हम समर्थन करते हैं।
नरसंहार में 300 से ज्यादा लोगों की मौत: रिपोर्ट्स बताती हैं कि इस नरसंहार में 300 से ज्यादा लोगों की मौत हुई है। इसमें घायल हुए लोगों की संख्या अभी और बढ़ सकती है, क्योंकि अभी पूरे शहर को चेक किया जा रहा है। सैकड़ो लोग सड़कों पर मृत पाए गए हैं। यूक्रेन ने इस नरसंहार के लिए रूस को दोषी बताया है। हालांकि रूस ने यूक्रेन के आरोपों को खारिज करते हुए इसे यूक्रेन का प्रोपेगेंडा बताया है।
भारत युद्ध के सख्त खिलाफ: विदेश मंत्री ने सदन में कहा कि भारत रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध के सख्त खिलाफ है। भारत का मानना है कि इस मसले का हल बातचीत से निकाला जाना चाहिए। भारत यूक्रेन में किसकी वकालत कर रहा है? हम सबसे पहले संघर्ष के खिलाफ हैं। हमारा मानना है कि खून बहाकर और मासूमों की जान की कीमत पर कोई समाधान नहीं निकाला जा सकता है। आज के इस युग में, संवाद और कूटनीति किसी भी विवाद का सही उत्तर है।
भारत ने एक पक्ष चुना है, तो यह शांति का पक्ष: विदेश मंत्री ने सदन में कहा कि यह ध्यान में रखना चाहिए कि समकालीन वैश्विक व्यवस्था संयुक्त राष्ट्र चार्टर पर, अंतरराष्ट्रीय कानून के सम्मान पर, और सभी राज्यों की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के लिए बनाई गई है। अगर भारत ने एक पक्ष चुना है, तो यह शांति का पक्ष है और यह हिंसा के तत्काल अंत के लिए है।