दिल्ली-एनसीआर

दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया पर 100 करोड़ रुपए का मानहानि का मुकदमा, जानें किसने कराया केस

Renuka Sahu
22 Jun 2022 1:48 AM GMT
Delhi Deputy Chief Minister Manish Sisodia sued for Rs 100 crore defamation, know who got the case done
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फाइल फोटो 

असम के मुख्यमंत्री डॉ. हेमंत बिस्वा सरमा की पत्नी रिंकी भूइयां सरमा ने मंगलवार को दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के खिलाफ मानहानि का केस दर्ज किया है।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। असम के मुख्यमंत्री डॉ. हेमंत बिस्वा सरमा की पत्नी रिंकी भूइयां सरमा ने मंगलवार को दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के खिलाफ मानहानि का केस दर्ज किया है। गुवाहाटी कामरूप सिविल जज की अदालत में मानहानि का सिविल केस दर्ज कराते हुए 100 करोड़ रुपए हर्जाने की मांग की गई है।

आम आदमी पार्टी के नेता मनीष सिसोदिया ने 4 जून को एक प्रेस कॉन्फेंस में आरोप लगाया था कि असम सरकार ने कोरोना महामारी के दौरान 2020 में मुख्यमंत्री की पत्नी और बेटों की कंपनी को पीपीई किट बाजार से अधिक कीमत पर खरीदने का ऑर्डर दिया था।
रिंकी भूइयां सरमा के वकील पदमाधर नायक ने कहा कि उन्हें केस बुधवार तक लिस्ट होने की उम्मीद है। हेमंत बिस्वा सरमा ने आप नेता की ओर से आरोप लगाए जाने के बाद कहा था कि वह लीगल ऐक्शन लेंगे। अपने स्पष्टीकरण में असम के मुख्यमंत्री ने कहा, ''जब पूरा देश 100 साल में सबसे खराब महामारी का सामना कर रहा था। असम के पास शायद ही कोई पीपीई किट था। मेरी पत्नी ने आगे आने का साहस दिखाया और 1500 पीपीई किट्स सरकार को दान किए, उसने एक भी पैसे नहीं लिए।''
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री के आरोपों को पूरी तरह खारिज करते हुए सरमा ने कहा कि पीपीई किट्स सरकार को दान किए गए थे और उनकी पत्नी की कंपनी ने इसके लिए कोई बिल नहीं दिया। सिसोदिया ने जेसीबी इंडस्ट्रीज का बिल टैग करते हुए ट्विटर पर लिखा था, ''माननीय मुख्यमंत्री हेमंत बिस्वा सरमा जी यह आपकी पत्नी को जेसीबी इंडस्ट्रीज के नाम से 990 रुपए प्रति किट के हिसाब से 5000 किट्स का ऑर्डर है। मुझे बताइए क्या यह कागज झूठा है? क्या स्वास्थ्य मंत्री के रूप में अपनी पत्नी को ऑर्डर देना भ्रष्टाचार नहीं है?
मुख्यमंत्री की पत्नी रिंकू भुइयां ने सिसोदिया के आरोपों पर स्पष्टीकरण देते हुए लिखा था, ''महामारी के पहले सप्ताह में असम के पास एक भी पीपीई किट नहीं था। इसका संज्ञान लेकर मैं एक कारोबारी परिचित के पास पहुंची और बहुत प्रयास से 1500 पीपीई किट्स भेजा। बाद में मैंने एनएचएम को इसे मेरे सीएसआर के तहत समझने को कहा। मैंने इस आपूर्ति के लिए एक भी पैसे नहीं लिए।''
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