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दिल्ली: दिल्ली सरकार प्रदूषण से निपटने के लिए समर एक्शन प्लान करेगी तैयार

Admin Delhi 1
5 April 2022 7:38 AM GMT
दिल्ली: दिल्ली सरकार प्रदूषण से निपटने के लिए समर एक्शन प्लान करेगी तैयार
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दिल्ली न्यूज़: दिल्ली सरकार पहली बार गर्मियों में प्रदूषण से निपटने के लिए 14 सूत्रीय समर एक्शन प्लान बनाएगी। अब तक सरकार इसके लिए सर्दियों में विंटर एक्शन प्लान बनाती रही है। पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने समर एक्शन प्लान के लिए सोमवार को सभी संबंधित विभागों के साथ बैठक की। समर एक्शन प्लान के तहत अप्रैल से सितंबर तक की तात्कालिक और दीर्घकालिक योजना बनाकर लागू किया जाएगा। सभी विभागों को निर्देश दिए गए हैं कि एक सप्ताह के अंदर समर एक्शन प्लान सरकार को देंगे। अगली बैठक 11 अप्रैल को बुलाई गई है। पर्यावरण मंत्री ने कहा कि विंटर एक्शन प्लान की सफलता के लिए हमें समर एक्शन प्लान पर भी काम करने की जरूरत है। सरकार विभागों के सुझावों के आधार पर अगले 6 महीने के लिए समर एक्शन प्लान घोषित करेगी। जिस पर सरकार फोकस करके प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए गर्मियों में भी काम करेगी। उन्होंने कहा कि मैंने बार-बार केंद्र से क्षेत्रीय स्तर पर वायु प्रदूषण के मुद्दे से निपटने का अनुरोध किया है। यह अकेले हमारी समस्या नहीं है। हम स्थानीय स्रोतों से होने वाले प्रदूषण को कम करने के लिए कदम उठा रहे हैं। हम मांग करते हैं कि केंद्र हर महीने राज्यों के साथ संयुक्त समीक्षा बैठक करे।

14 सूत्रीय एक्शन प्लान: सरकार ग्रीष्मकालीन कार्य योजना के तहत खुले में कचरा जलाने, धूल प्रदूषण व लैंडफिल स्थलों पर आग रोकने, सड़क के किनारे हरियाली बढ़ाने, जलाशयों के कायाकल्प, ग्रीन पार्कों व झीलों के विकास, पौधरोपण, वृक्षों के प्रत्यारोपण की निगरानी, एक बार उपयोग होने वाले प्लास्टिक को चरणबद्ध तरीके से समाप्त करने, रियल टाइम अपोर्समेंट स्टडी, औद्योगिक प्रदूषण, सिटी फॉरेस्ट के विकास, इको-वेस्ट पार्क के विकास और शहरी खेती पर ध्यान केंद्रित करेगी।

प्रदूषण के लिए सिर्फ 31 प्रतिशत स्थानीय स्रोत: पर्यावरण मंत्री ने कहा कि दिल्ली के प्रदूषण स्तर के जो स्रोत हैं, उसमें 31 फीसदी दिल्ली के अंदर का प्रदूषण होता है। जबकि 69 फीसदी प्रदूषण एनसीआर के आसपास का होता है। जिसका असर दिल्ली में रहने वाले लोगों पर भी पड़ता है।

अच्छी वायु गुणवत्ता वाले दिनों की संख्या बढ़ी: पर्यावरण मंत्री ने 2018 से 2022 तक के आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि 2018 में वायु गुणवत्ता स्तर (एक्यूआई) की संतोषजनक श्रेणी में 53 दिन थे, जो 2021 में बढक़र 72 हो गए हैं। मॉडरेट श्रेणी में 2018 में 106 दिन थे, अब उसमें बढ़ोतरी होकर 125 दिन हो गए हैं। एक्यूआई स्तर की पुअर श्रेणी में 2018 में 114 दिन थे, जो घटकर 2021 में 82 दिन हो गए हैं। इसके अलावा वेरी पुअर श्रेणी में 72 दिन से घटकर 61 दिन हो गए हैं। उन्होंने कहा कि दिल्ली में एक्यूआई की संतोषजनक और मॉडरेट श्रेणी के दिन बढ़ रहे हैं और पुअर श्रेणी के दिन लगातार घट रहे हैं।

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