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दिल्ली: साइबर सेल ने डीएमआरसी की नकली वेबसाइट बनाने वाले गैंग का किया भंडाफोड़, तीन आरोपी गिरफ्तार

Admin Delhi 1
21 April 2022 3:37 PM GMT
दिल्ली: साइबर सेल ने डीएमआरसी की नकली वेबसाइट बनाने वाले गैंग का किया भंडाफोड़, तीन आरोपी गिरफ्तार
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दिल्ली क्राइम न्यूज़: उत्तरी जिला साइबर सेल ने दिल्ली मेट्रो रेल कारपोरेशन (डीएमआरसी) की नकली वेबसाइट बनाने और नौकरी का झांसा देकर ठगी करने वाले एक गैंग का खुलासा किया है। इस मामले में पुलिस ने एक नकली सिम विक्रेता समेत तीन आरोपितों को नोएडा से गिरफ्तार किया है। इनके कब्जे से पुलिस ने 106 सिम कार्ड, 09 मोबाइल फोन, टैब, कई डेबिट व क्रेडिट कार्ड, अन्य आपत्तिजनक दस्तावेज और एक नई टाटा सफारी कार बरामद की है। शुरुआती जांच में पता चला है कि एक आरोपित नितिन ने डीएमआरसी की एक फर्जी बेवसाइट बनाई और फेसबुक पर एक पेज बनाकर नौकरी दिलाने का झांसा दिया। डीसीपी सागर सिंह कलसी ने बताया कि गिरफ्तार आरोपितों की पहचान सेक्टर 117 नोएडा निवासी नितिन, सेक्टर 63 नोएडा निवासी सुमंत और अशोक नगर निवासी शाहनवाज के रूप में हुई है। गृह मंत्रालय के क्राइम पोर्टल के जरिये शास्त्री नगर निवासी भूपेंद्र सिंह की शिकायत साइबर थाने में मिली। इसमें शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि उसने दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन के खाली पदों का विज्ञापन फेसबुक पर देखा था।

फेसबुक पर दिए लिंक पर क्लिक करने पर उन्हें एक व्हाट्सएप नंबर से एक मैसेज मिला। उसमें दिल्ली मेट्रो रेल वेबसाइट का लिंक था। शिकायतकर्ता ने वेब फॉर्म पर अपना विवरण भर दिया और 49 रुपये पंजीकरण शुल्क देने के लिए डेबिट कार्ड का विवरण भी अपलोड किया। ओटीपी भरने के बाद उसके बैंक खाते से 19 हजार रुपये कट गए। इसी तरह मोती बाग निवासी आकाश द्वारा ठगी की गई थी। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की। पुलिस ने आरोपितों का मोबाइल नंबर और सोशल मीडिया खातों का तकनीकी विश्लेषण किया। कॉल डाटा और बैंक खाते के विवरण की जांच में पता चला कि आरोपित नोएडा (यूपी) से काम कर रहा है। टीम ने नोएडा में छानबीन कर तीनों आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में नितिन ने बताया कि वह नोएडा के विभिन्न कॉल सेंटरों में काम कर चुका है। जहां से उसने गेल, भेल, ओएनजीसी और डीएमआरसी आदि में नौकरी देने का झांसा देकर ठगी करने के तरीके सीखे।

फेसबुक पर नौकरी का देता था विज्ञापन: नितिन ने डीएमआरसी में नौकरी के लिए एक फेसबुक पेज बनाया और फेसबुक पेज पर अपने फर्जी व्हाट्सएप नंबर का लिंक अपलोड कर दिया। फेसबुक पेज पर क्लिक करते ही वह उसके व्हाट्स एप पर पहुंचते थे। जहां से पीड़ितों को एक ऑटोमैटिक मैसेज मिलता था। उसमें फर्जी डीएमआरसी वेबसाइट का लिंक होता था। पीड़ित अपना विवरण वेबसाइट पर अपलोड करते थे। उसमें उनसे पंजीकरण शुल्क के लिए 49 रुपये मांगे जाते थे, जिसमें पीड़ितों के डेबिट व क्रेडिट कार्ड विवरण भी शामिल थे।

ओटीपी और कार्ड विवरण प्राप्त करने के बाद वह उनके खाते से पैसे निकाल लेते थे। जांच में पता चला कि आरोपित सुमंत व शाहनबाज नितिन को फर्जी सिम कार्ड सप्लाई करता था। जांच के बाद पुलिस ने बताया कि नितिन पर फरीदाबाद हरियाणा में ठगी के मामले दर्ज हैं। पुलिस ने इनकी गिरफ्तारी से पांच मामले सुलझाने का दावा किया है।

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