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दिल्ली क्राइम रिपोर्ट: राजधानी दिल्ली में तमाम प्रयास के बाद भी बढ़ा अपराध का ग्राफ
दिल्ली क्राइम रिपोर्ट: दिल्ली पुलिस के तमाम प्रयास के बाद भी राजधानी दिल्ली में इस वर्ष बीते वर्ष के मुकाबले अपराध के ग्राफ में बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है। इनमें हत्या, हत्या की कोशिश, लूट, झपटमारी और सेंधमारी की वारदातें शामिल हैं। सूत्रों की माने तो पुलिस कमिश्नर ने इन आंकड़ों को लेकर सभी जिले के डीसीपी को गंभीरता से काम करने की सलाह दी है। हाल ही में राजधानी में हुए अपराध के छह महीनों का डाटा सामने आया है। इससे पता चला है कि राजधानी में अपराधों में बीते वर्ष के मुकाबले काफी बढ़ोतरी दर्ज की गई है। सबसे ज्यादा बढ़ोतरी सेंधमारी की घटनाओं में हुई है। वर्ष 2021 में जहां सेंधमारी की 2303 वारदातें हुई थी, वहीं वर्ष 2022 में 30 जून तक 9450 सेंधमारी की घटनाएं हुएं। हत्या की वारदातें 2021 में जहां 30 जून तक 214 हुई थी, वहीं इस अवधि के दौरान वर्ष 2022 में 253 हत्याओं को अंजाम दिया गया है।
इसी तरह हत्या की कोशिश की घटना 296 वारदातों के मुकाबले इस वर्ष 418 वारदात घटित हुई हैं। वर्ष 2021 में जहां लूट की 1043 वारदातें हुई थी, वहीं इस वर्ष 30 जून तक 1161 लूट की वारदातों को अंजाम दिया जा चुका है। इसी तरह झपटमारी की वारदातों में भी बढ़ोतरी देखने को मिली है। वर्ष 2021 में 30 जून तक जहां 4125 झपटमारी की घटनाएं हुई थी, वहीं इस वर्ष इसी अवधि के दौरान 4660 झपटमारी की वारदातें हुई हैं। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि राजधानी में अपराध बढ़ने के चार प्रमुख कारण हैं। उन्होंने बताया कि दिल्ली में फ्री रजिस्ट्रेशन पर जोर दिया जा रहा है। लोग बड़ी संख्या में अपनी एफआईआर बिना परेशानी के दर्ज कराते हैं और इसे पीसीआर कॉल के साथ जोड़ा जा रहा है। इसके चलते सभी लोगों की एफआईआर दर्ज हो रही है। हाल ही में सेंधमारी की एफआईआर ऑनलाइन कर दी गई है, जिसके चलते लोग खुद अपनी एफआईआर दर्ज कर सकते हैं।
अपराधिक घटनाओं के बढ़ने का दूसरा बड़ा कारण कोविड-19 के दौरान लगा लॉकडाउन है। वर्ष 2021 में लगभग डेढ़ महीने तक लॉकडाउन रहा था। इस दौरान अपराध कम हुए थे। वहीं 2022 में सब कुछ खुल चुका है और अपराधी भी आपराधिक वारदातों को अंजाम दे रहे हैं। उन्होंने बताया कि तीसरा बड़ा कारण जेल से कोविड-19 के दौरान पैरोल पर छोड़े गए अपराधी हैं. जेल से पैरोल पर छोड़े गए कैदी बड़ी संख्या में वापस नहीं लौटे हैं और वह आपराधिक वारदातों को अंजाम दे रहे हैं। चौथा बड़ा कारण कोविड-19 के बाद उत्पन्न हुई बेरोजगारी की समस्या है। उन्होंने बताया कि कोविड-19 से जो लोग बेरोजगार हुए हैं। उनमें से बड़ी संख्या में लोग अपराध भी कर रहे हैं। दिल्ली पुलिस का यह आंकड़ा बताता है कि अधिकांश क्राइम में 80 फीसदी से ज्यादा आरोपित फर्स्ट टाइमर (पहली बार अपराध करने वाले) थे। यह ऐसे लोग थे, जिन्होंने पहली बार अपराध को अंजाम दिया।