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दिल्ली की अदालत ने राघव चड्ढा को बंगला खाली करने के आदेश पर रोक लगाई
नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी (आप) के सांसद राघव चड्ढा को अंतरिम राहत देते हुए दिल्ली की एक अदालत ने राज्यसभा सचिवालय को उनसे पंडारा रोड स्थित टाइप-7 बंगला फिलहाल खाली नहीं कराने का आदेश दिया है। लुटियंस दिल्ली क्षेत्र में पड़ने वाले ये बंगले उन सांसदों को आवंटित किए जाते हैं जिन्होंने मंत्री, मुख्यमंत्री या राज्यपाल के रूप में कार्य किया है।
पटियाला हाउस अदालत के अतिरिक्त जिला न्यायाधीश सुधांशु कौशिक ने कहा कि राज्यसभा सचिवालय के बंगले का आवंटन को रद्द करने के फैसले के खिलाफ चड्ढा के आवेदन की विचारणीयता का वह 10 जुलाई को निर्धारण करेंगे। राज्यसभा सचिवालय के 3 मार्च के आदेश के खिलाफ सांसद ने अदालत में याचिका दायर की है।
कार्यवाही के दौरान, राज्यसभा सचिवालय का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील ने चड्ढा के आवेदन की विचारणीयता पर आपत्ति जताई।
दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने आदेश जारी करने की तिथि 10 जुलाई निर्धारित की।
अदालत ने अप्रैल में सचिवालय को निर्देश दिया था कि कानूनी प्रक्रिया के बिना आवेदन के लंबित रहने के दौरान चड्ढा को बंगले से नहीं हटाया जाए।
न्यायाधीश ने कहा कि वह एक सांसद के पूरे कार्यकाल के दौरान सचिवालय द्वारा किए गए आवंटन को रद्द न करने के संबंध में वादी द्वारा दिए गए तर्क पर टिप्पणी नहीं करेंगे, लेकिन उन्होंने वादी के इस दावे को स्वीकार किया कि उचित कानूनी प्रक्रिया का पालन किए बिना किसी व्यक्ति को नहीं निकाला जा सकता है।
न्यायाधीश ने कहा कि चड्ढा एक सार्वजनिक परिसर में रह रहे हैं और सचिवालय कानून की उचित प्रक्रिया का पालन करने के लिए बाध्य है।
अदालत ने चड्ढा के इस तर्क पर भी विचार किया कि सचिवालय जल्दबाजी में काम कर रहा था और इस बात की प्रबल संभावना थी कि कानून की उचित प्रक्रिया का पालन किए बिना उसे बेदखल कर दिया जाए।
न्यायाधीश ने निष्कर्ष निकाला कि कानून की उचित प्रक्रिया के बिना चड्ढा को बंगले से बेदखल करने से रोकने के लिए निर्देश जारी करने के लिए एक प्रथम ²ष्टया मामला स्थापित होता है।
उन्होंने आगे कहा कि संतुलन चड्ढा के पक्ष में है क्योंकि वह अपने माता-पिता के साथ आवास में रह रहे हैं। इस प्रकार, अदालत ने सचिवालय को अगली सुनवाई तक कानून की उचित प्रक्रिया के बिना चड्ढा को बंगले से नहीं निकालने का निर्देश दिया।
चड्ढा ने सचिवालय से मानसिक पीड़ा और प्रताड़ना के लिए 5.5 लाख रुपये का मुआवजा भी मांगा है।
Ashwandewangan
प्रकाश सिंह पिछले 3 सालों से पत्रकारिता में हैं। साल 2019 में उन्होंने मीडिया जगत में कदम रखा। फिलहाल, प्रकाश जनता से रिश्ता वेब साइट में बतौर content writer काम कर रहे हैं। उन्होंने श्री राम स्वरूप मेमोरियल यूनिवर्सिटी लखनऊ से हिंदी पत्रकारिता में मास्टर्स किया है। प्रकाश खेल के अलावा राजनीति और मनोरंजन की खबर लिखते हैं।