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दिल्ली: कोर्ट ने पति को अपने पत्नी को खुदकुशी के लिए मजबूर करने का दोषी पाया
दिल्ली क्राइम न्यूज़: कडक़डड़ूमा स्थित अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश दीपाली शर्मा की अदालत ने दहेज प्रताडऩा से तंग आकर आत्महत्या करने वाली विवाहिता के पति को अदालत ने दोषी करार देते हुए दोषी पति को सजा सुनाई है। इस मामले में अदालत ने दिल्ली विधिक सेवा प्राधिकरण को मृतका के परिवार को मुआवजा देने के निर्देश दिए हैं। सजा सुनाते हुए हुए अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश ने कहा कि दहेज हमारे समाज में वह बुराई है, जो न जाने कितनी जानें निगल चुका है। दहेज प्रताडऩा के कारण विवाहिता को आत्महत्या के लिए मजबूर करना एक गंभीर अपराध है। ऐसे अपराधी को बख्शा नहीं जा सकता। अदालत ने दोषी पति को तीन साल सश्रम कैद की सजा के साथ ही साढ़े सात हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। अदालत ने कहा कि यदि दोषी जुर्माना रकम की भरपाई नहीं करता है तो उसे दो महीने अतिरिक्त जेल में रहना होगा।
इससे पहले पुलिस ने अदालत को बताया कि दोषी पर इस मुकदमे के अलावा दो आपराधिक मुकदमे और लंबित हैं। इनमें से एक मुकदमा झपटमारी का जबकि दूसरा सरकारी कर्मचारी पर हमले का है। अदालत ने तमाम तथ्यों को ध्यान में रखते हुए दोषी को सजा सुनाई है।
ये था मामला: 6 जनवरी 2015 को कल्याणपुरी की रहने वाली विवाहिता ने पति की प्रताडऩा से तंग आकर खुदकुशी कर ली थी। मृतका के परिजनों ने पति पर दहेज प्रताडऩा का आरोप लगाया था। परिवार का आरोप था कि आरोपी पति उनकी बेटी को बुरी तरह पीटता था। बार.बार मायके से पैसा लाने का दबाव डालता था। इन सबसे तंग आकर लडक़ी ने आत्महत्या की।