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दिल्ली: कनाडा ने जामिया फैकल्टी की समीना सिद्दीकी को यूनिवर्सिटी ऑफ टोरंटो बुलाया, बीएचयू रिसर्चर को 52 लाख रुपये की स्कॉलरशिप

Admin Delhi 1
24 March 2022 10:30 AM GMT
दिल्ली: कनाडा ने जामिया फैकल्टी की समीना सिद्दीकी को यूनिवर्सिटी ऑफ टोरंटो बुलाया, बीएचयू रिसर्चर को 52 लाख रुपये की स्कॉलरशिप
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काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के शोधकर्ता डॉ. गुरवचन सिंह को भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद् का प्रतिष्ठित यंग साइंटिस्ट फेलो अवॉर्ड प्राप्त हुआ है। एक शोध परियोजना पर काम करने के लिए उन्हें 52 लाख रुपये की राशि दी जाएगी। वहीं जामिया मिलिया इस्लामिया के एक फैकल्टी समीना हसन सिद्दीकी को यूनिवर्सिटी ऑफ टोरंटो, कनाडा में विजिटिंग प्रोफेसर के रूप में आमंत्रित किया गया है। डॉ. गुरवचन सिंह फिलहाल बीएचयू के चिकित्सा विज्ञान संस्थान के गैस्ट्रोइन्ट्रोलोजी विभाग में बतौर रिसर्च एसोसिएट काम कर रहे हैं। उन्होंने विज्ञान संस्थान के जन्तु विज्ञान विभाग के प्रो. अरविंद कुमार सिंह कि मार्गदर्शन में अपनी पीएचडी पूरी की थी। उन्हें आईसीएमआर - डीएचआर (स्वास्थ्य अनुसंधान विभाग) योजना के तहत यह सम्मान मिला है। इस के अंतर्गत वे एनालिसिस ऑफ डीएनए पॉलीमोरफिज्म इन इंडियन नेचूरल पॉपुलेशन आफ ड्रोसोफिला अनानेसी बाई कंसीडरिंग माइक्रोसैटेलाइट वेरिएशंस नामक एक शोध परियोजना पर काम करेंगे।

इसके लिए डॉ. गुरवचन सिंह को 52 लाख रुपये की राशि स्वीकृत की गई है। तीन वर्ष की इस परियोजना में डॉ. गुरवचन ड्रोसोफिला अनानेसी के जीनोम में माइक्रोसेटेलाइट डीएनए सेगमेंट के वितरण और इस प्रजाति की विभिन्न प्राकृतिक आबादी में उनकी आवृत्ति पर काम करेंगे। यह अध्ययन वास्तव में ड्रोसोफिला की प्राकृतिक आबादी का डीएनए फिंगरप्रिंटिंग है और इसलिए, इसकी प्रासंगिकता है जिसे मानव आबादी के साथ प्रत्यारोपित किया जा सकता है। वहीं जामिया मिलिया इस्लामिया के सेंटर ऑफ कम्पेरेटिव रिलिजन एंड सिविलाइजेशन की प्रोफेसर समीना हसन सिद्दीकी को टोरंटो विश्वविद्यालय, कनाडा ने अपने सेंटर ऑफ एथिक्स में जुलाई 2022 से एक वर्ष के लिए, विजिटिंग प्रोफेसर के रूप में आमंत्रित किया है।

प्रो. सिद्दीकी को टोरंटो विश्वविद्यालय की इंटेलेक्च अल लाइफ में भाग लेने और अनुसंधान करने के लिए आमंत्रित किया गया है, जिसमें वार्ता और कार्यक्रमों में भाग लेना शामिल है। इस दौरान उन्हें अपना रिसर्च प्रस्तुत करने का भी अवसर मिलेगा। प्रोफेसर सिद्दीकी 2005 में जामिया में शामिल हुईं। उनकी विशेषज्ञता का क्षेत्र मध्यकालीन भारतीय सामाजिक-सांस्कृतिक इतिहास है, जिसमें सूफीवाद और बहुलवादी भारतीय रहस्यमय परि²श्य पर विशेष ध्यान दिया गया है। धर्म की भूमिका और इसकी बहुआयामी समझ पर उनके कई शोध पत्र प्रस्तुत और प्रकाशित हुए हैं।

जामिया में इम्पोर्टेंस ऑफ सेल्फ-ब्रांडिंग एंड पब्लिक रिलेशंस इन करंट सेनेरियो पर ऑनलाइन व्याख्यान भी आयोजित किया गया है। जामिया मिल्लिया इस्लामिया के यूनिवर्सिटी काउंसलिंग एंड गाइडेंस सेंटर ने इम्पोर्टेंस ऑफ सेल्फ-ब्रांडिंग एंड पब्लिक रिलेशंस इन करंट सेनेरियो पर यह ऑनलाइन व्याख्यान का आयोजन किया। इसमें कई शिक्षक, गैर-शिक्षण कर्मचारी और 50 से अधिक छात्र इस कार्यक्रम में शामिल हुए।

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