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दिल्ली: गाजीपुर लैंडफिल कचरे को कम करने के लिए बायोमाइनिंग की प्रक्रिया हुई तेज
दिल्ली: पूर्वी निगम ने गाजीपुर लैंडफिल साइट पर कचरे की मात्रा कम करने के लिए बायोमाइनिंग की प्रक्रिया तेज कर दी है। गाजीपुर लैंडफिल साइट पर कचरे की बायोमाइनिंग के लिए 20 आधुनिक मशीनें लगाई गई हैं। मशीनों का प्रत्येक जोड़ा प्रतिदिन 1000 टन कचरे को प्रोसेस कर रहा है। 20 मशीनों में से 08 मशीनें कार्य कर रही हैं और मई 2022 तक बाकी 12 मशीनें भी कार्य करना प्रारंभ कर देगी। पूर्वी निगम के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि लैंडफिल साइट पर कचरे के निस्तारण के उद्देश्य से बायोमाइनिंग का कार्य युद्धस्तर पर किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2019.20 में 02 मशीनों के साथ बायोमाइनिंग का कार्य प्रारंभ किया गया था जो अब धीरे.धीरे 20 मशीनों तक पहुंच गया है। पूर्वी निगम विकेंद्रित रूप से कूड़े के प्रसंस्करण पर भी ध्यान केंद्रित कर रही है और स्रोत पर ही कूड़ा का प्रसंस्करण किया जा रहा है। पार्कों आदि में ग्रीन कंपोस्टिंग भी की जा रही है। सूखे कूड़े के प्रसंस्करण के लिए मैटेरियल रिकवरी फैसेलिटी सेंटर भी स्थापित किए जा रहे हैं। 1300 टन प्रतिदिन क्षमता वाला और 12 मेगा वाट बिजली उत्पादन वाला वेस्ट टू एनर्जी प्लांट भी गाजीपुर में स्थापित किया गया है। इन सभी प्रयासों से गाजीपुर लैंडफिल साइट पर जाने वाले कूड़े की मात्रा कम होगी। पूर्वी निगम ने गाजीपुर लैंडफिल साइट पर कचरे की मात्रा कम करने के लिए बायोमाइनिंग की प्रक्रिया तेज कर दी है। गाजीपुर लैंडफिल साइट पर कचरे की बायोमाइनिंग के लिए 20 आधुनिक मशीनें लगाई गई हैं। मशीनों का प्रत्येक जोड़ा प्रतिदिन 1000 टन कचरे को प्रोसेस कर रहा है। 20 मशीनों में से 08 मशीनें कार्य कर रही हैं और मई 2022 तक बाकी 12 मशीनें भी कार्य करना प्रारंभ कर देगी।
पूर्वी निगम के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि लैंडफिल साइट पर कचरे के निस्तारण के उद्देश्य से बायोमाइनिंग का कार्य युद्धस्तर पर किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2019.20 में 02 मशीनों के साथ बायोमाइनिंग का कार्य प्रारंभ किया गया था जो अब धीरे.धीरे 20 मशीनों तक पहुंच गया है। पूर्वी निगम विकेंद्रित रूप से कूड़े के प्रसंस्करण पर भी ध्यान केंद्रित कर रही है और स्रोत पर ही कूड़ा का प्रसंस्करण किया जा रहा है। पार्कों आदि में ग्रीन कंपोस्टिंग भी की जा रही है। सूखे कूड़े के प्रसंस्करण के लिए मैटेरियल रिकवरी फैसेलिटी सेंटर भी स्थापित किए जा रहे हैं। 1300 टन प्रतिदिन क्षमता वाला और 12 मेगा वाट बिजली उत्पादन वाला वेस्ट टू एनर्जी प्लांट भी गाजीपुर में स्थापित किया गया है। इन सभी प्रयासों से गाजीपुर लैंडफिल साइट पर जाने वाले कूड़े की मात्रा कम होगी।