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दिल्ली: बैंक को प्रॉपर्टी के फर्जी दस्तावेज देकर लगाया तीन करोड़ का चूना, हुआ गिरफ्तार

Admin Delhi 1
23 March 2022 10:43 AM GMT
दिल्ली: बैंक को प्रॉपर्टी के फर्जी दस्तावेज देकर लगाया तीन करोड़ का चूना, हुआ गिरफ्तार
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दिल्ली क्राइम न्यूज़: दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने प्रॉपर्टी के फर्जी दस्तावेज गिरवी रखकर बैंक को करोड़ों रुपये का चूना लगाने वाले आरोपित को गिरफ्तार किया है। आरोपित ने 2.90 करोड़ रुपये की क्रेडिट फैसिलिटी बैंक से ले थी। उसने इन रुपयों का इस्तेमाल किया और बिना चुकाए फरार हो गया था। आरोपित को दो साल बाद गिरफ्तार किया है। आरोपित की पहचान नरेश खटाना के रूप में हुई है। आरोपित को यूपी से गिरफ्तार किया गया है। आर्थिक अपराध शाखा की संयुक्त आयुक्त छाया शर्मा के अनुसार जेकेएन इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड ने 90 लाख की क्रेडिट फैसिलिटी बैंक ऑफ बड़ौदा से ली थी। उन्होंने बताया था कि वह पॉलिथीन प्रिंटिंग, बैग, फॉर्म बैग आदि बनाते हैं। अगस्त 2016 में इस क्रेडिट फैसिलिटी को 90 लाख से बढ़ाकर 2.90 करोड़ कर दिया गया था।

अप्रैल 2019 में यह एनपीए घोषित हो गया। आरोपित नरेश खटाना ने क्रेडिट फैसिलिटी को बढ़ाने के लिए निलोठी गांव में हरीचंद सैनी नाम से एक प्रॉपर्टी को गिरवी रखा था। यह दस्तावेज जांच में फर्जी पाए गए। बैंक को पता चला कि इस पते पर कभी हरीचंद सैनी रहा ही नहीं था। वह न तो इसका मकान मालिक है और न ही किराएदार। यह प्रॉपर्टी गुलजार नामक व्यक्ति की है। इस शिकायत पर आर्थिक अपराध शाखा में फरवरी 2020 में मामला दर्ज किया गया था। जांच के दौरान उन्हें पता चला कि फर्जी दस्तावेजों पर बैंक की क्रेडिट फैसिलिटी को बढ़ाया गया था। यह भी पता चला कि आरोपी ने दस्तावेज किसी अन्य प्रॉपर्टी के जमा कराए थे जबकि जगह अन्य प्रॉपर्टी की दिखाई थी। उसने हरी चंद सैनी के नाम से फर्जी वोटर कार्ड दो अलग-अलग पते पर बनाया था। इनमें से एक का इस्तेमाल पैन नंबर लेने के लिए किया गया जबकि दूसरे का लोन लेने के लिए।

वास्तव में हरी चंद सैनी नामक कोई शख्स इस पते पर रहता ही नहीं था। यह भी पता चला कि हरी चंद सैनी नामक एक शख्स 99 वर्ष का है जबकि आरोपी 58 वर्ष का है। इस जानकारी पर एसीपी रमेश नारंग की देखरेख में इंस्पेक्टर विजय पाल और एसआई अजय की टीम ने आरोपित नरेश खटाना को ग्रेटर नोएडा से गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तार किया गया नरेश खटाना मैकेनिकल इंजीनियर में डिप्लोमा कर चुका है। वह पहले एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स में जूनियर इंजीनियर था। इसके बाद वह हीरो ग्रुप में भी काम कर चुका है। 2015 में उसने अपनी कंपनी बनाई थी। इसके जरिए उसने इस फर्जीवाड़े को अंजाम दिया। आर्थिक अपराध शाखा ने बैंक से अपील की है कि वह अच्छी तरह से जांचने के बाद ही इस तरीके की लोन क्रेडिट फैसिलिटी ग्राहक को दें।

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