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दिल्ली: रोहिणी सेक्टर-37 और मुंडेला कलां डिपो में पहुची 74 इलेक्ट्रिक बसों की खेप
दिल्ली न्यूज़: दिल्ली में इलेक्ट्रिक बसों की पहली खेप आ गई है। इसके तहत 74 ई-बसें आई हैं। इन बसों के पंजीकरण का काम चल रहा है। इनमें से 50 बसें रोहिणी सेक्टर-37 और 24 बसें मुंडेला कलां के डिपो में पार्क की गई हैं। जल्द ही सड़कों पर इन बसों को उतारने की तैयारी चल रही है। इन बसों को मिलाकर दिल्ली में कुल 76 ई-बसें हो जाएंगी। अभी राजधानी में दो ई-बसें चल रही हैं। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल इन बसों को हरी झंडी दिखाएंगे। इस टेंडर के तहत 300 ई- बसें आनी हैं। जिसके पहले चरण में ये बसें आई हैं। जल्द बाकी ई-बसें भी आ जाएंगी।
बता दें कि मुख्यमंत्री केजरीवाल की अध्यक्षता में 27 मार्च 2021 को हुई कैबिनेट की बैठक में डीटीसी के बेड़े में 300 लो फ्लोर इलेक्ट्रिक एसी बसों शामिल करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई थी। कैबिनेट नोट के अनुसार पहली बार इतनी बड़ी संख्या में इलेक्ट्रिक बसें शामिल करने वाला दिल्ली पहला राज्य है। डीटीसी की ओर से अक्तूबर 2019 में पहला टेंडर जारी किया गया था, लेकिन इसे रद्द कर दिया गया। जून 2020 में दूसरे टेंडर को भी प्रतिस्पर्धी दरें न मिलने की वजह से रद्द कर दिया गया। तीसरी बार दिसंबर 2020 में टेंडर जारी किया गया, जिसे अमलीजामा पहनाया जा रहा है।
डीटीसी के बेड़े में शामिल होने वाली बसों का संचालन ओपेक्स माडल पर किया गया है। बिजली से चलने वाली 300 इलेक्ट्रिक बसों के परिचालन के लिए मेसर्स जेबीएम ने सबसे कम 68.58 रुपए प्रति किमी की दर से बोली लगाई है। दूसरी कंपनी मेसर्स टाटा मोटर्स है। टेंडर की शर्तों के अनुसार मेसर्स जेबीएम को 200 और टाटा को 100 बसों के संचालन करने का काम मिला है। एक बार पूरी तरह चार्ज होने पर बसें कम से कम 120 किमी की दूरी तय कर सकेंगी। आपरेटर 10 साल तक बसों या बैटरी के रखरखाव के लिए जिम्मेदार होगा। आपरेटर समय पर बैटरी बदलने के लिए बाध्य होगा। इन बसों के संचालन के लिए बिजली की खपत का खर्च डीटीसी की ओर से किया जाएगा। चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर की लागत, चार्जिंग उपकरण और ट्रांसफॉर्मर की लागत आपरेटर द्वारा वहन किया जाएगा। इन बसों के जून 2021 से आने की योजना बनाई गई थी। जिसमें 118 बसों की पहली खेप अक्तूबर में, नवंबर में 100 और दिसंबर में 60 बसें बेड़े में शामिल किए जाने की योजना थी। 20 बसें जनवरी 2022 तक आने की संभावना थी। मगर कोरोना के कारण बसें लाए जाने की योजना में देरी हुई है। ये बसें सुभाष प्लेस डिपो, मायापुरी डिपो, रोहिणी-2 डिपो, राजघाट-2 डिपो और मुंडेला कलां डिपो में पार्क की जाएंगी। इन बसों के लिए इन डिपो में चार्जिंग सिस्टम तैयार कर लिया गया है।
इन डिपो से संबंधित हैं ई-बसें: अभी दिल्ली में दो ई-बसें चल रही हैं। पहली ई-बस रूट संख्या ई-44 पर आईपी डिपो से सर्कुलर सेवा के तहहत चल रही है। दूसरी ई-बस मोरी गेट टर्मिनल से नजफगढ़ टर्मिनल के बीच चल रही है। जो 300 ई-बसें आ रही हैं,उनमें 100 बसें मुंडेला कलां में, राजघाट डिपों में 50 व रोहिणी सेक्टर-37 से 150 बसें जोड़ी जाएंगी।
80 सीएनजी बसें भी आ रहीं:सीएनजी वाली 80 बसें भी सड़कों पर जल्द ही उतरने जा रही हैं। अभी कुल मिलाकर दिल्ली में 7001 बसें चल रही हैं। इन बसों को मिलाकर दिल्ली में बसों की संख्या 7143 के करीब हो जाएगी।