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रक्षा मंत्रालय: 934 करोड़ रुपये की कुल लागत से सिंधुकीर्ति पनडुब्बी की मरम्मत
Rani Sahu
13 March 2023 4:33 PM GMT
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नई दिल्ली, (आईएएनएस)| 934 करोड़ रुपये की कुल लागत से सिंधुकीर्ति पनडुब्बी की सामान्य मरम्मत करवाई जाएगी। सिंधुकीर्ति थर्ड किलो क्लास डीजल इलेक्ट्रिक पनडुब्बी है। मरम्मत पूरी होने के बाद, सिंधुकीर्ति युद्ध में लड़ने योग्य हो जाएगी और भारतीय नौसेना के सक्रिय पनडुब्बी बेड़े में शामिल हो जाएगी।
रक्षा मंत्रालय ने 'आत्मनिर्भर भारत' का लक्ष्य हासिल करने और उसे बढ़ावा देने के लिए 934 करोड़ रुपये की लागत से सिंधुकीर्ति पनडुब्?बी की सामान्य मरम्मत हिंदुस्तान शिपयार्ड लिमिटेड (एचएसएल), विशाखापत्तनम में एक अनुबंध पर हस्ताक्षर किए।
पनडुब्बियों के लिए वैकल्पिक मरम्मत सुविधा विकसित करने के लिए इस मरम्मत को ऑफ लोड किया गया है, जो एचएसएल में लाइफ सर्टिफिकेशन के साथ मध्यम मरम्मत करने की दिशा में बढ़ाया गया कदम है। इस परियोजना में 20 से अधिक सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) शामिल हैं और परियोजना की अवधि के दौरान प्रति दिन 1,000 श्रम दिवस के रोजगार का सृजन होगा।
इससे सिर्फ 3 दिन पहले भारतीय वायु सेना के लिए छह डोर्नियर-228 विमानों की खरीद का निर्णय लिया गया है। भारतीय वायु सेना के लिए खरीदे जा रहे हैं, इन विमानों की लागत लगभग 667 करोड़ रुपए है। रक्षा मंत्रालय ने 10 मार्च को 667 करोड़ रुपये की लागत वाले इस रक्षा सौदे को लेकर एक महत्वपूर्ण समझौता किया। रक्षा मंत्रालय के अनुसार डोर्नियर-228 विमानों की खरीद हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) से की जाएगी।
रक्षा मंत्रालय का कहना है कि भारतीय वायु सेना के लिए छह डोर्नियर-228 विमानों की खरीद के लिए हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड के साथ एक अनुबंध पर हस्ताक्षर किए गए हैं। इस विमान का उपयोग भारतीय वायु सेना द्वारा रूट ट्रांसपोर्ट और संचार संबंधित सैन्य कार्य के लिए किया जाता रहा है। इसके साथ ही इन विमानो का उपयोग भारतीय वायुसेना के परिवहन पायलटों के प्रशिक्षण के लिए भी किया गया है।
अब इन छह विमानों की वर्तमान खेप एक उन्नत ईंधन-कुशल इंजन के साथ पांच ब्लेड वाले समग्र प्रोपेलर के साथ खरीदी जाएगी। यह विमान उत्तर पूर्व के अर्ध-तैयार, लघु रनवे और भारत की द्वीप श्रृंखलाओं से छोटी दूरी के संचालन के लिए आदर्श रूप से अनुकूल है। रक्षा मंत्रालय का कहना है कि इन छह विमानों के शामिल होने से दूर-दराज के इलाकों में भारतीय वायुसेना की परिचालन क्षमता में और इजाफा होगा।
--आईएएनएस
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Rani Sahu
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