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दिल्ली न्यूज़: खुली आबोहवा के लिए अगर आप बाहर जा रहे हैं तो ध्यान रखें हवा का स्तर गंभीर बना हुआ है। हवा में महीन 2.5 माइक्रोमीटर वाले कण पीएम-10 के प्रदूषण को 58 फीसद से ज्यादा बढ़ा रहे हैं। औसत एक्यूआई बढ़कर 424 हो गया है और अगले तीन दिनों तक इसके ऐसे ही रहने के अनुमान हैं। दिल्लीवासियों की मंगलवार को जब नींद खुली तो हवा का स्तर केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के निगरानी तंत्र में गंभीर श्रेणी में 429 तक पहुंच चुका था। राजधानी के सभी हॉटस्पॉट रेड से डार्क रेड जोन में पहुंच गए। पड़ोसी राज्यों में 1977 जगह आग जल रही है। इसमें पंजाब में 1878, हरियाणा में 99 और यूपी में 11 जगह पर पराली जल रही है। पृथ्वी एवं विज्ञान मंत्रालय के निगरानी तंत्र सफर के मुताबिक हवा में पराली का धुआं है तो वहीं उसकी स्पीड थमी हुई है। वाहनों से होने वाला प्रदूषण इसे और बढ़ा रहा है। पर्यावरण विशेषज्ञ रविंद्र खईवाल बताते हैं कि पराली का धुआं ले जाने वाली दिशा में हवाएं चल रही हैं इसलिए दिल्लीवासियों को समस्या ज्यादा हो रही है।
सीआरईए के वैज्ञानिक सुनील दहिया मानते हैं कि अगले सप्ताह पराली बढ़ेगी और प्रदूषण में इसका हिस्सा 14 फीसद है लेकिन इसके 40 प्रतिशत तक जाने के अनुमान हैं। उपायों पर वह कहते हैं कि जीआरएपी के पहले चरण को जब ठीक से लागू नहीं किया गया तो अब तीसरे चरण को लागू करने के बाद कैसे परिणाम हासिल हो सकेंगे। पीयूसी बिना वाहन को पेट्रोल डीजल बंद होना चाहिए। इस सप्ताह में स्कूल को बंद कर देना चाहिए। इससे बच्चों, अभिभावकों और प्रशासन में प्रदूषण के प्रति जागरूकता आएगी और अगले साल नीति निर्धारण को लेकर सजगता आएगी।