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मोबाइल गेम्स की लत में करोड़ों फंसे, 2025 तक भारत होगा सात अरब डॉलर का बाजार

mukeshwari
17 Jun 2023 2:46 PM GMT
मोबाइल गेम्स की लत में करोड़ों फंसे, 2025 तक भारत होगा सात अरब डॉलर का बाजार
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नई दिल्ली | नोकिया फोन पर 'स्नेक' गेम के शुरुआती दिनों से लेकर अगली पीढ़ी के स्मार्टफोन तक हाई-डेफिनिशन ग्राफिक्स और इमर्सिव गेमप्ले की पेशकश करने वाले मोबाइल गेमिंग ने एक लंबा सफर तय किया है जो सबसे लोकप्रिय कंसोल गेम को भी टक्कर देता है।

मोबाइल गेमिंग उतना ही विकसित हुआ है जितना कि स्वयं मोबाइल डिवाइस।

कोविड-19 महामारी और उस दौरान लगाए गए प्रतिबंधों के कारण, मोबाइल गेमिंग सेगमेंट चमक गया क्योंकि इसने मनोरंजन चाहने वाली जनता की चाहत को पूरा किया। भारतीय मोबाइल गेमिंग बाजार में इस अवधि के दौरान बड़ा उछाल देखा गया, जो इस क्षेत्र में अब भी जारी है।

कोविड-19 की लहर के दौरान, उपभोक्ता बड़े पैमाने पर ऑनलाइन चैनलों की ओर मुड़े।

विनजो गेम्स के सह-संस्थापक पावन नंदा ने आईएएनएस को बताया, अर्थव्यवस्था के महत्वपूर्ण स्तंभ - बैंकिंग और भुगतान - को अपनाने में महत्वपूर्ण तेजी देखी गई जिसने भारत को तीसरे सबसे बड़े गेमिंग बाजार से दुनिया का सबसे बड़ा गेमिंग बाजार बना दिया। दुनिया हर पांचवां मोबाइल गेमर अपने देश में रहता है।

मार्केटिंग फर्म मोइंगेज की एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार, स्मार्टफोन की बढ़ती पैठ, कम लागत वाले स्मार्टफोन और अधिक किफायती डेटा योजनाओं के कारण देश में मोबाइल गेमिंग का बाजार 2027 के अंत तक 8.6 अरब डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है।

रिपोर्ट में यह भी अनुमान लगाया गया है कि भारतीय गेमिंग उद्योग का वर्तमान मूल्यांकन 2.6 अरब डॉलर है।

नंदा ने कहा, भारत मोबाइल गेमिंग के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर प्रस्तुत करता है और 2025 तक सात अरब डॉलर का बाजार बनने का अनुमान है। उम्मीद है कि इस क्षेत्र में पांच डेकाकॉर्न (10 अरब डॉलर की स्टार्टअप कंपनी) और 10 यूनिकॉर्न (एक अरब डॉलर की स्टार्टअप कंपनी) उभरेंगे, जो इन्हें दूसरों की तुलना में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) के लिए अत्यधिक आकर्षक बनाते हैं।

मोबाइल-फस्र्ट राष्ट्र के रूप में, भारत ने हाल के वर्षों में शक्तिशाली प्रीमियम स्मार्टफोन, बेहतर डेटा कनेक्टिविटी, इनफ्लुएंसरों की एक नई पीढ़ी के उदय के साथ-साथ उनसे प्रभावित यूजर-जनित कंटेंट के अभिसरण के कारण मोबाइल गेमिंग में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है।

इंडस्ट्री इंटेलिजेंस ग्रुप में साइबर मीडिया रिसर्च (सीएमआर) के प्रमुख प्रभु राम ने कहा कि यह रुझान जारी रहेगा, आने वाले समय में मोबाइल और पीसी गेमिंग दोनों को मजबूती मिलेगी।

राम ने आईएएनएस को बताया, विशेष रूप से, गंभीर महिला गेमर्स और मोबाइल गेमर्स द्वारा गेमिंग में बिताए जाने वाले समय में वृद्धि हुई है।

अमेजन वेब सर्विसेज (एडब्ल्यूएस) के सहयोग से प्रकाशित लुमिकाईज स्टेट ऑफ इंडिया गेमिंग रिपोर्ट 2022 के अनुसार, महिलाएं प्रति सप्ताह औसतन 11.2 घंटे वीडियो गेम खेलने में बिताती हैं, जबकि पुरुष प्रति सप्ताह 10.2 घंटे खर्च करते हैं।

सर्वे में पाया गया कि 60 फीसदी गेमर्स पुरुष थे, जबकि 40 फीसदी महिलाएं थीं।

इन प्रवृत्तियों ने आकस्मिक से अधिक गंभीर और तल्लीन कर देने वाले गेमिंग अनुभवों के संक्रमण में योगदान दिया है।

सीएमआर के अनुसार, छह में से लगभग पांच स्मार्टफोन उपयोगकर्ता तनाव मिटाने (44 प्रतिशत) और टाइमपास (41 प्रतिशत) के लिए अपने स्मार्टफोन पर गेम खेलते हैं, और अक्सर खुद को किसी अन्य चरित्र (26 प्रतिशत) में डुबो देते हैं।

गेमर्स में स्पोर्ट्स गेम्स सबसे ज्यादा (53 फीसदी) पसंद किए जाते हैं। इसके बाद एक्शन/एडवेंचर गेम्स (51 फीसदी) का नंबर आता है।

अपने स्मार्टफोन पर गेम खेलते समय, आठ में से सात गेमर्स के लिए बैटरी लाइफ महत्वपूर्ण होती है।

इसके अलावा, वर्तमान प्रीमियम स्मार्टफोन्स की उन्नत क्षमताएं समग्र गेमिंग अनुभव को और बढ़ाती हैं, जिससे मोबाइल टाइटल की मांग के सहज और सुखद गेमप्ले को सक्षम किया जा सकता है।

डेटा एकत्र करने और विजुअलाइजेशन में विशेषज्ञता वाले एक जर्मन ऑनलाइन प्लेटफॉर्म स्टेटिस्टा की जारी एक रिपोर्ट से पता चला है कि 2022 में भारत में मोबाइल गेमर्स की संख्या 17.4 करोड़ से अधिक थी, और डाउनलोड किए गए मोबाइल गेम की संख्या 9.3 अरब से अधिक थी।

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प्रकाश सिंह पिछले 3 सालों से पत्रकारिता में हैं। साल 2019 में उन्होंने मीडिया जगत में कदम रखा। फिलहाल, प्रकाश जनता से रिश्ता वेब साइट में बतौर content writer काम कर रहे हैं। उन्होंने श्री राम स्वरूप मेमोरियल यूनिवर्सिटी लखनऊ से हिंदी पत्रकारिता में मास्टर्स किया है। प्रकाश खेल के अलावा राजनीति और मनोरंजन की खबर लिखते हैं।

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