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अदालत ने सिंडिकेट बैंक ऋण धोखाधड़ी मामले में पूर्व प्रबंधक को 7 साल की सजा सुनाई
नई दिल्ली। तमिलनाडु के मदुरै में सीबीआई की एक विशेष अदालत ने सिंडिकेट बैंक के एक पूर्व प्रबंधक को बैंक ऋण धोखाधड़ी मामले में 7 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। अदालत ने मामले में शामिल 14 अन्य लोगों को भी तीन साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, अदालत ने सिंडिकेट बैंक के तत्कालीन प्रबंधक (स्केल-द्वितीय) एन. गुनासीलन को जेल की सजा सुनाते हुए उन्हें 75,000 रुपये का जुर्माना भरने का भी आदेश दिया है।
सीबीआई ने 4 अक्टूबर 2010 को कोयम्बटूर में सिंडिकेट बैंक के क्षेत्रीय कार्यालय की शिकायत के आधार पर मामला दर्ज किया था।
सीबीआई ने कहा कि शिकायत में आरोप लगाया गया था कि सिंडिकेट बैंक के साथ धोखाधड़ी करने के लिए निजी व्यक्तियों ने लोक सेवकों के साथ मिलकर साजिश रची थी। लोक सेवकों ने अपात्र उधारकर्ताओं (ऋण लेने वालों) को 155.79 लाख रुपये के आवास ऋण स्वीकृत और वितरित किए थे। ऋण खाते बाद में 162.72 लाख रुपये की गैर-निष्पादित संपत्ति (एनपीए) बन गए।
सीबीआई ने जांच करने के बाद 3 मई 2012 को आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दायर की थी। ट्रायल कोर्ट ने आरोपियों को कसूरवार पाया और उन्हें दोषी ठहराया।
--आईएएनएस
Ashwandewangan
प्रकाश सिंह पिछले 3 सालों से पत्रकारिता में हैं। साल 2019 में उन्होंने मीडिया जगत में कदम रखा। फिलहाल, प्रकाश जनता से रिश्ता वेब साइट में बतौर content writer काम कर रहे हैं। उन्होंने श्री राम स्वरूप मेमोरियल यूनिवर्सिटी लखनऊ से हिंदी पत्रकारिता में मास्टर्स किया है। प्रकाश खेल के अलावा राजनीति और मनोरंजन की खबर लिखते हैं।